प्रतियोगिता – स्वतंत्रता के स्वर
“आज का भारत ”
हे मेरे प्रिय भारत
महिमामंडित तिरंगे से सुसज्जित गौरवपूर्ण भारत
सदैव रही है यहां की वीर गाथाएं अनमोल
ध्यान से सुनो ‘आज का भारत ‘
अब अपनी बारी है कुछ तो बोल …
जब भी भारत पर कोई आंच आई
बच्चे बूढ़े जवानों ने अमर देशभक्ति दिखलाई
फिर हम क्यों हटे आज पीछे
क्या आज देश को हमारी ज़रूरत नहीं है भाई ??
महान वीर वीरांगनाओं के नतमस्तक हैं सदा रहेंगे
सदा कोटि-कोटि धन्यवाद आभार व्यक्त करेंगे
मगर हमारा फर्ज यहीं खत्म ना हुआ
शपथ ले हम सभी देश के प्रति कर्तव्य को कभी ना भूलेंगे …
जब-जब जहां अन्याय हो तो लगानी पड़ेगी गुहार
न्यायिक आंदोलन के लिए करना पड़ेगा सबको तैयार
आज का भारत भी कल का गौरव बनेगा
जब हर तरह से भारत की खुशहाली का मानेंगे ख़ुद को जिम्मेदार ..
आज भी हम सबके रगों में वही लहू है वही है जोश
फिर क्यूं ना देश भक्ति की ओर करें रुख़ जगाएं रोष
रिश्वतखोरी जमाखोरी इंसाफ खोरी प्रथाएं हमें नज़र नहीं आती
जगाना पड़ेगा हर बच्चा-बच्चा को करना होगा अब जय घोष…
आज भी है गरीबी आज भी लाचारी बेबसी वही
आज भी उत्पीड़न दबंगगई राजनीति का नियत नहीं सही
अंधेरे में चल रहा सब एक-दूसरे को कुचल रहा
अब न रुकना देश के नागरिक अन्याय हद से ज़्यादा चल रहा …
हे मेरे आज का भारत
आज भी हमें है उतना ही प्रेम श्रद्धा उतना ही समर्पण
जब-जब ज़रूरत पड़ेगा तो करेंगे प्राण भी अर्पण
देश भक्ति मिटी नहीं है ना मिटेगी कभी भी
बस जागरूकता को लाना होगा दिखाना होगा हर व्यक्ति को समाज का दर्पण…
जय हिंद जय भारत 🇮🇳🫡
(बिहार पटना )
सुमन लता ✍️
अल्फाज़ -e-सुकून