प्रतियोगिता – दिल से दिल तक
विषय – इज़हार-ए-मोहब्बत
उसकी खामोशी में भी एक आवाज़ है,
मेरे दिल की धड़कन का यही राज़ है,
हर ख्वाब में उसका ही चेहरा नजर आता है,
इज़हार-ए-मोहब्बत का यही आगाज़ है।
उसकी मुस्कान में मेरी दुनिया बसती है,
उसकी यादों की खुशबू से मेरी रूह सजती है,
हर लम्हा उसकी बातें दिल को छू जाती हैं,
मेरी मोहब्बत का यही सबसे प्यारा पैगाम है।
उसके बिन कुछ कहे भी होता मुझे आभास है,
मेरी चेहरे पर दिखता ये नूर वही तो राज है,
दूर रहने पर भी उनके होने का एहसास है,
बेशक,मेरे सादे दिल पर उन्हीं का अधिकार है।
हर मौसम में उसकी यादों की बरसात है,
उसकी नज़रों में मेरी दुनिया की शुरुआत है,
मेरी हर छोटी खुशी,हर सपनों की राह…
बस उसके होने से ही संवरती,सजती मेरी आज है।
जब वो पास हो तो मेरे सारे रंग बदल जाते हैं,
सादगी से पूर्ण मैं,चंचलता सारी उभर आती है,
कभी जो उसकी नज़रे मुझसे टकराती हैं,
तो मेरी रूह उसकी मोहब्बत में खो जाती है।
मेरी दुआओं में उनका नाम हर रोज़ है,
मैंने मेरे शिव से मांगा उन्हें हर रोज़ है,
सच कहे तो कसम से प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं,
बेशक,*’सहर’* को भी हो रहा प्रेम पर पूर्ण विश्वास है।
✍️ स्वीटी कुमारी ‘सहर’