विषय- कलम की धार, तलवार से तेज
जो आवाज़ नहीं उठा सकते,
उनकी कलम गुंजती हैं।
जो चुप रहते है…
उनकी कलम सशक्त हो जाती हैं।
जो हिंसा नहीं करते,
उनकी कलम ही क्रांति लाती हैं।
अन्याय के अंधरो मे…
सच्चाई की लौ जलाती हैं।
इसलिए कलम की धार,
तलवार से तेज कहलाती हैं…।
इस कलम ने कई रंग दिखाए हैं,
बापू को गाँधी से ‘महात्मा’ बनाए हैं।
शाहिद- ए- आजम भगत सिंह को अमर किया है,
इस कलम ने कई इतिहास रचा है।
जहाँ तलवार डर फैलाती है,
वहीं कलम चेतना जगाती है।
गलत को गलत बताती हैं,
और समाज को आईना दिखाती हैं।
इसलिए कलम की धार,
तलवार से तेज कहलाती हैं…।
जंजीरो से बंधी आवाज़ों को,
इस कलम ने ही आजादी दिलाई है।
न्याय, प्रेम और क्रांति की मशाल…
इस कलम ने हर युग मे संभाली हैं।
✍️स्वीटी मेहता
राउंड 3
बोलती कलम
अल्फाज- ए- sukoon