प्रतियोगिता – तंज की ताकत
विषय – न्यूज़ एंकर बनाम न्यूज
द्वितीय चरण
समाचार का अब तो पूरा अचार बना दिया
न्यूज़ एंकरों ने न्यूज़ को व्यापार बना दिया
कहने को ये बनते हैं संवादाता ये शिवोम
संवेदना भूले गरीबों का मज़ाक बना दिया
डिजीटल मीडिया में केवल दिखावा हैं होता
ट्रेंड पर चलने के लिए एंकर हर हद पर करता
दिखाते हैं ये झूठ सच की थाली में परोसकर
इसीलिए अब समाज इसमें दिलचस्पी भी लेता
इनको याद दिलाओ कोई वो दूरदर्शन का जमाना
जब देखते थे लोग समाचार छोड़ नाच और गाना
उन एंकरों का भी अलग ही रुतबा हुआ करता था
दिखाते थे हमेशा समाज को सच्चाई का ही आईना
सत्ता और पैसा हैं जिसके पास एंकर भी उनकी सुनता
उनके चौखट के बाहर बांध गले में वो पट्टा खड़ा होता
एंकरों को भी गुमान हैं गाड़ी, पैसों और सूट बूट का
झूठी हैं इनकी ख़बरें मैं अब इन एंकरों को झूठा कहता
इन एंकरों की हालात देख अब एक मुहावरा याद आता
वो कहते थे न कि धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का
इनको अपनी छवि अब खुद से ही सुधारनी होगी यारों
नहीं तो कैसे मिलेगा इनको सम्मान समझ नहीं हैं आता
कवि हूं शब्द मेरे मरहम और घाव दोनों का काम करते
सच लिखने की बात आए तो कभी मेरे कलम न रुकते
पत्रकारिता एक स्तंभ हैं देश का इसको कैसे बचाया जाए
आओ मिल कर अपने एंकर साथियों की आंखे हैं खोलते
✍️ ✍️ शिवोम उपाध्याय