Tppic _मेरे हमसफर
प्रतियोगिता_ दिल से दिल तक
दिनांक _26/9/2025
धीरे धीरे न जाने कब तुम
मेरे करीब हो गए
एक पल में मेरे नसीब हो गए
बंधन बांध सात जन्मों का मुझसे
मेरे हमदम मेरे तकदीर हो गए
पापा की पसंद से जाने कब मेरी पसंद बन गए
न सोचा था रिश्ता हमारा इतना खास होगा
सारे जहां में सिर्फ तुझपे ही विश्वास होगा
जाने कितनी लड़ाइयां हुई कितने मनमुटाब हुए
कई बार तो लगा ये रिश्ता टूटने की कगार पर है
मगर इन बिखरते रिश्तों को तूने बखूबी संभाला है
धीरे धीरे तूने मुझे अपना बनाया है
जानती हु थोड़ी नासमझ थोड़ी नादान हु
गृहस्थी के नियमों से आज भी अंजान हु
नहीं संभाल पाती हु तुम्हारे संग साड़ी जिम्मेदारियों को
न ही उठा पाती हु तुम्हारे बोझ को
इतनी खामियों के बाद भी तुमने मुझे अपनाया है
बच्चों सा ख्याल रखा हर नखरा उठाया है
शुक्रिया उस रब का जो उसने तुमसे मुझे मिलवाया है ❤️
✍🏻