खुला आसमान फिर भी यादों के बादल घेरे हुए हैं,
चंद्रमा है आकाश में फिर भी रात में अंधेरे हुए हैं,
देखता हूं तो कुछ दिखता नहीं मुझे कुछ शायद ये,
सच है यार इन आंखों में बस तुम्हारे ही डेरे हुए हैं।।
देखो काली रात के बाद से आज सुंदर सबेरे हुए हैं,
इनकी ये खूबसूरती मुझको तेरी यादों में घेरे हुए हैं,
तुम्हे पता *मैं समय से शिकवा नहीं करता* लेकिन,
तुम नहीं आई इसीलिए ये मुझसे ही नजरें फेरे हुए है।
बताऊं मैंने जिस दिन से तुम्हारे सुनहरे बाल छुए हैं,
लगा कि खुला आसमान है प्यार के बादल उमड़े हैं,
हमेशा से दीदार ए यार को बेचैन थीं मेरी ये नजरें,
आज मुद्दतों बाद मुक्कमल महबूब के दीदार हुए हैं।
यार जब मुझे तुम्हारा दीदार होगा तो अच्छा लगेगा,
तुम्हे देखके तुम्हारे प्यार का भूखा दिल बच्चा लगेगा,
तुमसे आज ये इल्तिज़ा है मेरी मेरे साथ रहना हमेशा,
तब दुनिया को भी ही हमारा ये प्यार सच्चा लगेगा।
मेरी ये दुआ है बजरंगी से कि न तेरे दामन में दाग हो,
तेरे चरित्र की बात आ जाए तो पानी जैसा बेदाग हो,
मैं हमेशा ही तेरे दिल की धडकनों में धड़कना चाहूंगा,
मैं चाहता हूं कि ये *मयंक* तुम्हारे दिल का सरताज हो।
यार हमेशा ही ऊपर चढ़ती हमारे इश्क की परवान हो,
एक दूसरे के हक़ में ही हर दुआ और हर आवाज़ हो,
वैसे *मैं समय से शिकवा नहीं करता हूं* लेकिन यार,
मैं चाहता हूं दुनिया को हमेशा हमारे प्यार पर नाज़ हो।