में समय से शिकवा नहीं करता
मैं किसी से भी गिला नहीं करता
शिकायत मुझे खुद से ही है
मैं किसी का बुरा नहीं करता
समय से बड़ा कोई मोल नहीं
समय की मगर कोई क़ीमत नहीं करता
में छूट जाता हूँ पीछे जमाने मे
समय है मेरा समय पर नहीं चलता
वक्त वक्त की बात है वक्त का सब खेल
जो समझ ले वो गुरूर नहीं करता
वक्त के हाथों सब कठपुतली है
वक्त किसी के इशारों पर नहीं चलता
वक्त ही जख्म है वक्त ही मरहम
वक्त का मारा कहीं नहीं चलता
सबर का फल मीठा होता हैं
मिलता नहीं उसे कुछ जो धीरज नहीं धरता
समय संयम है समय इम्तिहान
समय किसी से बैर नहीं करता
जो आत्मविश्वास और प्रण से चलते है
वो बुरे वक्त से नहीं डरता
समय पर सब काम अच्छे लगते हैं
साँझ को कोई भोर नहीं करता
वक्त ही देता है वक्त ही छीन लेता हैं
इंसान यहाँ कुछ भी तय नहीं करता
वक्त तुम्हारा भी आएगा रवि
कठिन वक्त हमेशा नहीं चलता