*✍️ सीरीज़ – 1 | प्रतियोगिता – 2*
*शब्दों की ताकत : कलम से आवाज़ तक*
*फ़ाइनल चरण*
*विषय* – *शब्दों से बदलाव*
शब्द सागर हैं शब्द गघार हैं
शब्दों से भाव उजागर हैं
शब्द मोती है शब्द माला है
ये मन को जीतने वाला है
ये खेल शब्दों का जीवन में
होता ही बड़ा निराला है
प्रेम से बोला एक शब्द
जैसे फूलों की माला है
नफ़रत की वाणी ने सदैव
सब कुछ विनाश कर डाला है
है प्रेम से रौनक रिश्तों में
नफ़रत से अंधेरा काला है
शब्दो से किसी की हंसी खिली
शब्दों ने आंसू निकाला है
देखो शब्द प्रेम का एक
सबको साथ ले आया है
नफ़रत की वाणी से कोई
दिल में भी न बस पाया है
शब्दों ने दिलों को जीता है
सारा खेल इन्हीं का है
इतिहास उठा कर देखो ज़रा
किस पर क्या क्या बीता है
शब्दों के कारण ही तो
रची रामायण और गीता है
Prashant Tiwari
Jabalpur Madhya Pradesh