विषय _____कलम की धर,,, तलवार से तेज़
कलम की नोक में जबसे ये धार आई है
तेज़ धार की तलवार डगमगाई है
सलीका हमको बताया हिसाब करने का
हमारे हक में जो होने लगी बुराई है
तमाम हटने लगे चार साज़ी से पीछे
जब अपने हक में हमने कलम उठाई है
जब से समझ आई कलम की ताकत
फिर मेरे देश की बेटी ने कदम बढ़ाई है
होश उड़ने लगे हैं फिर कम ज़र्फो के
तेज़ धार की कलम जब भी चलाई है
संविधान पड़ा तो ये मालूम हुआ है
कलम उठाने में कितनी बड़ी भलाई है
कीमत दुकानों में सिर्फ कुछ पैसे है
पहचान इसने पूरी दुनिया में कराई है
जिसने भी ठुकराया इसे, देखलो जाकर
सारी ज़िन्दगी उसने परेशानी उठाई है
लड़की,,लड़के के सब फर्क मिट गए जानी
कलम की नोक ने जो अपनी धार बताई है
मेरे दिल में बहुत ज़्यादा मकाम है,, ज़ाकिर
तलवार से तेज़,,जो कलम में धार आई है
@_zakir_sahab
Round_ 2