मोहब्बत का लॉगआउट

प्रतियोगिता- तंज की ताकत

विषय – ” मोहब्बत का लॉगआउट ”

आज हो रहा मोहब्बत दिलों में लॉग-इन
होता हैं चारों तरफ सनशाइन करते ही साइन-इन
जुड़ते हैं तार ऐसे दिलों का कि
जैसे इससे बड़ा कहीं नहीं हो मोहब्बत परफेक्शन ।।

दिन का चैन और रातों का नींद उड़ना
सुबह बहुत सुंदर और शाम में सब नीरस लगना
चाहत मन की इतनी अपनी जैसी
लगता शर्त लेकर आई मोहब्बत नहीं है ये ऐसी-वैसी ।।

बातों में ना जरा भी धैर्य ना मिलता समर्पण
मोहब्बत में खुशियां सपनों का सैर का लगता दर्पण
अगर एक दूजे के मन का ना हुआ तो
फिर काहे कि मोहब्बत मात्र दिल का रह जाता वरण ।।

पहले पहल होती थी बहुत हैरानी अब नहीं
हमारे फास्ट चलन में इश्क की स्पीड में ना है कोई कमी
जरा सी बात को रिल्स में लपेट लेना
जैसे इसने इस खुशी ‌दर्द को सदियों से जिया यही ।।

होने लगी है बच्चे जवान बूढ़े पर इसका असर
बदल जाता है दुनियां करता है जीवन बसर
फिर एक सपनों का फूल मुरझाया नहीं कि
मोहब्बत हो जाता लॉगआउट बचता नहीं कोई कसर ।।

उफ्फ़ आपके मोहब्बत करने के ये तरीके
बहुत मजे देते हैं लुभाते हैं सलीके
इंस्टा व्हाट्सएप फेसबुक ट्विटर बड़ा भूमिका है निभाते
सारे फंक्शन यूज़ के बाद दिल मोहब्बत को लॉगआउट कराते ।।

सुमन लता ✍️
अल्फाज़ -e-सुकून
प्रथम चरण

Updated: July 26, 2025 — 5:30 pm

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