बात गर वतन की है तो बस यही पहचान है
लहू के एक-एक कतरे में बहता हिन्दुस्तान है
कुछ कर गुज़रे कि , जहाँ में हो नाम इसका
है अपनी यही ख्वाहिश , दिल में यही अरमान है
अपनी माट्टी से उल्फ़त अपने वतन से मोहब्बत
है मज़हब हमारा , यही धर्म , यही इमान है
तीन रंगों से मिलकर बना हमारा तिरंगा
ख़ुशहाली , हरयाली , अमन का पैग़ाम है
कम होने न देगें हम कभी तेरी इज़्ज़त
ऐ तिरंगा ! तुझे सौ बार सलम है