काल्पनिक पत्र आज का भारत

स्वतंत्रता दिवस विशेष लेखनी प्रतियोगिता
विषय:- स्वतंत्रता के स्वर.
थीम:- काल्पनिक पत्र

आज का भारत…
आदरणीय प्रधान मंत्री जी,

आज इस पत्र के माध्यम से,
मैं आपको भारत कि यात्रा करवाता हूँ ।
और क्या दर्द और कमजोरी है,
इस राज़ से पर्दा मैं हटाता हूँ ।

है दो रूप भारत के,
मैं आज उसका परिचय करवाता हूँ।
आईए आज मैं आपको मेरे,
दोनों भारत से मिलवाता हूँ ।

क्या कहुँ आज के भारत के बारे में,
जितना कहुँ कम होगा ।
शायद ही कोई देश है आज,
जिसमें इतना सारा दम होगा ।

नए युग का भारत…
आज अपनी नई मिसाल देता है ।
कुछ गलत जो करे हमारे साथ कोई,
बदला उसके साथ बराबर से लेता है ।

है दम आज के नौजवानों में,
ठान लें वो कर दिखाते हैं ।
प्रतिभा और समर्थ होने के बाबजूद,
कितनी बार भारत से ही हार जाते है ।

भारत, भारत ना रहकर आज …
चंद लोगों के हाथ की कठपुतली बन गया है ।
कुछ बातों में तो भारत, आज इंसानियत भुलाकर,
पूरी तरह से जंगली बन गया है ।

शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान नहीं,
औरतों का कई राज्य में सम्मान नहीं,
जो जीतकर लाते है मेडल यहाँ,
उनका भी एक समय के बाद कोई मान नहीं,
फिर भी आज के इस भारत को,
अपनी ऐसी बातों पर अभिमान नहीं ।

है रोड-रास्तों कि अच्छी-खासी व्यवस्था,
लेकिन कई गांवों में आज भी पानी अच्छा नहीं ।
कानून की बातें सभी करते हैं लेकिन…,
न्यायालय में कोई इंसान सच्चा नहीं ।

अगर पैसा है आपके पास,
तो बड़े से बड़ा काम भी आम होता है।
अगर नहीं पैसा आपके पास तो,
अच्छे-खासे शख़्स का खराब नाम होता है ।

एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढाओ का अभियान है,
एक तरफ अग्नि-वीर की योजना ।
फिर भी लगता है हम सभी को मिलकर,
पड़ेगा आज के भारत को खोजना ।
पड़ेगा आज के भारत को खोजना ।

नाम : भारतीय
स्थान : अहमदाबाद, गुजरात, भारत
भारत का एक नागरिक…
✍️अखिल त्रिखा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *