मां भारती

विषय – मां भारती

भारत मां लिख रहा हूं एक पत्र तेरे नाम
लेके सैनिक का जज्बा कलम थामे हाथ
नशा मातृभूमि का हैं दिल में हैं हिंदुस्तान
लहराएगा तिरंगा तब बनेगा भारत महान

सैनिकों ने भारत मां पर सबकुछ हैं लुटाया
उनकी हिम्मत के आगे कोई ना टिक पाया
आतंकियों के आका सारे सदमे में हैं शिवोम
कैसे भारत के जवानों ने उन्हें धूल हैं चटाया

घायल होता जब सैनिक तो मां भारती भी रोती
अपने आंखों के सामने ही जब बहता लहू देखती
लहू का कतरा- कतरा भी भारत मां को चाहता
देख ऐसा जज़्बा मां भारती भी गर्व महसूस करती

जवान थे वो भी जिन्होंने वतन को महबूब बनाया
तिरंगे को बसाया दिल में भारत आत्मा में मिलाया
आज के युवा बस नशे और देह के पीछे ही भागते
क्या दौर था वो सबने भारत को था भारत बनाया

भारत मां आज बस फोन के स्टेट्स में ही रह गई
जन गण मन भी आज की पीढ़ी बिल्कुल भूल गई
15 अगस्त के दिन ही बस भारत मां याद हैं आती
देख ऐसा अपना भारत मां भारती भी चुप हो गई

भारत मां के नौनिहालों भारत को अपने पहचानो
इस माटी की रक्षा ही अपना पहला कर्तव्य मानो
आधुनिकता में अपने मूल को तुम मत भूल जाओ
सपना एक ही हो अंतिम सांस तक तिरंगा लहराओ

देश के हर देशवासी दिल से अपने अहंकार मिटाओ
रहो सब एकसाथ मिलकर एकता का दीपक जलाओ
देशप्रेम के सामने कभी लोभ,माया पैर फैलाने न पाएं
अपने मुख से सदा भारत मां की जय-जयकार लगाओ

✍️ ✍️ शिवोम उपाध्याय
स्थान – हरियाणा
पत्र – एक नागरिक की ओर से

🌟🌟 🌟अल्फ़ाज़ ए सुकून 🌟 🌟 🌟

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *