*कविता प्रतियोगिता* :- *स्वतंत्रता के स्वर*
शीर्षक :- *मां भारती*
भारत देश महान है,मातृभूमि की शान है,
हिन्दुस्तान की जान है
कोटि-कोटि प्रणाम करें जिसके पावन चरण धरा पखारती
देश है पुकारता,पुकारती मां भारती।
धन्य हैं हम जो जन्में इस पावन धरा पर
बलिदानों की पूण्य भूमि पर कितने शौर्यगान हुए
भारत के गौरव वीर व महापुरूष कुर्बान हुए
आओ सुनाऊं गाथा मैं उन शूरवीरों के मान की
गर्व करें हम सभी उनकी शहादतों के सम्मान की।
देश को आजाद करवाया,कैसे भारत स्वर्णिम बन पाया
बिना स्वयं की परवाह किए उन वीरों ने हमें आजादी का मार्ग बताया
महापुरूषों की सेवा जन-जन का उत्थान करे
राष्ट्रप्रेम,बलिदान भावना कूट-कूट कर नित्य भरे
एकता में ही है शक्ति,मां भारती की यही पुकार है
मातृभूमि के सपूत करे पग-पग पर जय जयकार है।
उठो जागो देश के वीर जवानों
भारत माता की रक्षा के खातिर
हर कर्तव्य को निभाने की तुम ठानो
बगावत का परचम अब आकर के लहराओ
देश की रक्षा के खातिर भारत मां के लाल
जरा तुम मां भारती का मान बढा़ओ।
तेरे आंगन में स्नेह और प्यार का बसेरा है
तेरे आंचल की छांव में होता हर रोज सवेरा है
तेरे मान के खातिर हो जाए नयौछावर कईं सौ प्राण है
तू सलामत रहे बस इसी आस लिए तुझपे हम कुर्बान है
*भारत माता की जय*
नाम :- *स्वाति सोनी*
स्थान :- *हिम्मतनगर (गुजरात)*