मेहनत : एक मूलमंत्र
सपनों की सीढ़ी चढ़ाता वही,
जो दिन-रात मेहनत करता सही।
ना किस्मत का खेल, ना भाग्य का मान,
मेहनत से ही मिलता सम्मान।
पसीने की हर एक बूँद कहे,
सफलता उनके ही कदम चूमे।
जो ठोकरों से डरता नहीं,
वही मंज़िल तक रुकता नहीं।
राह चाहे कितनी ही कठिन,
मेहनत से बनता हर जन धन्य।
मैं ठान लूँ तो कर दिखाऊँ,
हर कठिनाई से जीत ही पाऊँ।
मेहनत है जीवन का सबसे बड़ा मंत्र,
यही है सपनों का सच्चा केंद्र।
जो बोएगा पसीना हर दिन,
वही पाएगा फल जीवन बिन।
भाग्य नहीं, कर्म है पहचान,
मेहनत ही है सच्चा मूलमंत्र महान।
Goldi Singh “Nidhi”