ज्योत: परिवर्तन का प्रतीक
अँधेरों में जब राहें गुम हो जाती हैं,
तो एक छोटी-सी ज्योत भी दिशा दिखा जाती है।
यह सिर्फ़ रोशनी नहीं,
आशा की किरण है,
जो कहती है—
हर अंधकार का अंत निश्चित है।
ज्योत जलती है तो स्वयं को मिटाती है,
पर अपने चारों ओर उजियारा फैलाती है।
सिखाती है—
सच्चा परिवर्तन त्याग से आता है,
और बदलाव वही है जो सबके जीवन को रोशन कर दे।
हर दीपक की लौ में छुपा है एक संदेश,
कि छोटा सा प्रकाश भी
हज़ार अंधेरों को हराने की ताक़त रखता है।
ज्योत कहती है—
परिवर्तन डर से नहीं,
विश्वास और साहस से जन्म लेता है।
तो आओ, हर दिल में एक ज्योत जलाएँ,
अज्ञान से ज्ञान की ओर,
निराशा से आशा की ओर,
भ्रम से सत्य की ओर।
ज्योत ही है परिवर्तन का प्रतीक,
जो हर आत्मा को नई राह दिखाती है।
— ऋषभ तिवारी (लब्ज़ के दो शब्द)