प्रतियोगिता – ज्योत
विषय – परिवर्तन का प्रतीक
मां तेरे दर्शन मात्र से मिटती हैं सारी तकलीफ़
तेरा रूप हैं मनमोहक तू ही हैं शक्ति का प्रतीक
तेरी भक्ति से अहंकार भी नष्ट हो जाता हमारा
तेरे ही नाम से होती बुराई पर सच्चाई की जीत
परिवर्तन का प्रतीक दिखता ज्वाला की ज्योत में
वैष्णो देवी में मैया मेरी रहती हैं पर्वतों के बीच में
बेटियों का अनादर करने वालों ये भी याद रखना
मां तो हर बेटी के भीतर रहती हैं कन्या स्वरूप में
ज्योत जलना मैया की जय – जयकार भी लगाना
नवरात्रि में मैया रानी को गुड़हल का फूल चढ़ाना
याद रखना मां की शक्ति दृष्टि अपनी नेक रखना
परिवर्तित हो जाए मन हर लड़की में देवी देखना
एक ज्योत जलाना शिवोम अपने मन के भीतर
देखना खुद ही मिल जाएगा हर प्रश्नों का उत्तर
मन की ज्योत जलाने से तुम खुद को पहचानोगे
मिट जाएगी बुराइयां बनोगे इंसान भी तुम बेहतर
कलम और ज्योत दोनों हैं परिवर्तन का ही प्रतीक
एक से जलती हैं ज्योति और एक से बदलता हैं देश
जनकवि नमन करता हैं उपस्थित सभी देवियों को
आप ही से हैं चलती सृष्टि आप हो जगदम्बा स्वरूप
✍️ ✍️ शिवोम उपाध्याय
🌟 🌟 अल्फ़ाज़ ए सुकून 🌟 🌟