जिंदगी और तुम-प्रेम का अन्नत रूप
क्या कहु तुम क्या हो मेरे लिए !
तुम धड़कन का संचार हो
मेरे जीवन का अरमान हो
जो ना बुझे वो प्यास हो
तुम हर पल जगती आस हो
तुम प्रेम हो , तुम पूजा हो
तुम मेरे लिए कोई देवता महान हो ..
क्या कहु तुम क्या हो मेरे लिए ..
तुम पहले प्यार का एहसास हो
तुम सर्दियो में खिलती धूप हो
तुम गर्मियों में हवा का झोका हो
तुम उमंग हो तुम तरंग हो
तुम मेरे जीवन का हर रंग हो
तुम मेरी हसी हो तुम ख़ुशी हो
तुम मेरी हर बात हो
तुम मेरी पूरी कायनात हो
क्या कहु तुम क्या हो मेरे लिए …
तुम सूरज सा उजास हो
तुम दिए सा प्रकाश हो
तुम वसंत सी बाहर हो
जो ना थमे वो प्यार हो
तुम सावन की फुहार हो
तुम बदली हो आसमान हो
तुम पर्वत सी चट्टान हो
क्या कहु तुम क्या हो मेरे लिए ..
तुम मेरा श्रृंगार हो
तुम मेरा प्यार हो
तुम मेरी खुशी का आधार हो
तुम से जुड़ी हूँ जब से सात फेरो
के बंधन में जी उठी हूँ
तुम नए सफर का आगाज हो
क्या कहु तुम क्या हो मेरे लिए ..
तुम उम्मीद हो तुम रोशनी हो
तुम मेरे जीवन यात्रा के प्रकाश हो
तुम प्राणनाथ हो मेरे बच्चों के बाप हो
तुम हो तो ज़िंदगी है तुम हो तो मैं हूँ !
किरण बाला
नई दिल्ली