*प्रतियोगिता: दिल से दिल तक*
*विषय: सब याद है मुझे*
उसकी वो आँखें, वो आँखों का काजल,
*सब याद है मुझे ।*
उसके कानों की बाली, और उसके रेशमी बाल,
*सब याद है मुझे ।*
उसके कंगन और उसके होठों की लाली,
*सब याद है मुझे ।*
उसका गुस्सा और मुझे बोलने वाली मन में गाली,
*सब याद है मुझे ।*
उसका रूठना, मेरा उसको मनाना,
*सब याद है मुझे ।*
फ़िर मायूस होकर…
अपनी ज़िन्दगी के बारे में बताना,
*सब याद है मुझे ।*
उसका पागलपन, उसकी शरारत,
*सब याद है मुझे ।*
उसकी ख़ूबसूरती, उसकी नज़ाकत,
*सब याद है मुझे ।*
उसकी नाक की नथनी, उसकी पायल,
सब याद है मुझे ।
और देख कर जिन्हें, पहली नजर में…
मैं हो गया था पागल,
*सब याद है मुझे ।*
अब…सिर्फ पूछना है मुझे !
उस खुदा की बनाई करामात को,
क्या उसे भी कुछ याद है मेरे बारे में,?
जैसे उसकी हर एक बात…
*”सब याद है मुझे ।। “*
✍️अखिल त्रिखा..
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