प्रतियोगिता….. दिल से दिल तक
विषय….. दिवाने हुए हम,
दिनांक….26/9/25,
दिवाने हुए हम, जब पहले नजरो का यू मिलना,
हुए सिर्फ हम उनकी, एक अदा के दिवाने,,
मेरी मुस्कान पे यू, चमक जब से जब बस नजर
नजर का यू मिलना, आखों का सरमाना,,
उनकी एक झलक के, दिवाने हुए हम,
उनका बस एक अपना हक जताना,,
कर गये प्यार से एक बात,,
जिनकी फिरकत न थी, किसी और न मिली,
ये जिन्दगानी बस,,
उनकी एक झलक के यू, दिवाने हुए हम,,
महफूज लगा यू साथ में रहना,
साथ में चलना ये सफर के मोहब्बत में,,
बस ले हाथों में हाथ थाम के, नजरों से कर जाना
यू प्यार के बाते, बडी प्यारी लगी ये यदाएं भी अब,,
हँसना बोलना भी अब लगता है, बस ये मेरी जिन्दगी,,
साथ लिया हाथ, बस अब जीवन का भर का साथ,,
यादों के याद कर, के क्या, बस मिल गया ते रा सा थ
अब क्या किसी का यराना,, हम है तो तुम तु म हो,,
दो दिल है तो एक जहाँ, है बस अपना,
दिल से दिल तक,, हम हम,, है, और आप हों
मै हूँ, तुम से तुम तक का अब सफर,,
दिल से दिल तक ये दुनिया है अब,,
दिवाने हुए अब हम आपके,,
सारी जन्नत की खुशियां बार दि, और क्या चाहिए,,
दिल से दिल तक,,की जुवानी मेरी कहानी,,
मेरी जिन्दगानी,,,
स्वरचित… खुशबू वर्मा
आगरा🖊️🖊️