*टॉपिक* :- देखा चेहरा उसका
प्रतियोगिता : *दिल से दिल तक*
दिनाँक :- 29.09.2025
देखा चेहरा उसका तो दिन कुछ निकल जाने लगा,
हर बात पर वो दिल जो उसका पिघल जाने लगा। (१)
गुस्से में थोड़ी ज़्यादा ही वो नकचिढ़ी लगने लगी,
बातों ही बातों मुँह फूला इश्क़ फ़िसल जाने लगा। (२)
-“चंद सिफ़ारिशों के आगे ए-दिल-ए-नादान खोने लगा,
हरकतें उसकी देख के ऐ-दिल भी यारों शर्माने लगा”-(३)
मिलें-न-मिलें सुकून कहीं मिलता भरकर उसे बाहों में,
कट रही दिन-ओ-रातें मेरी बिन देखें ये उसे निगाहों में। (४)
मिला सुकून हमें जो निगाहों से उसे राज़ आने लगा,
करते हुए लफ़्ज़ों से बातें वो लब दिल आजमाने लगा। (५)
प्रेम से प्रेम रिश्ते को जोड़ता सर’आँखों पर “हार्दिक”,
क्या बताएं तुम्हें इश्क़ हुआ हमें भी ये जमाने लगा। (६)
🖋️हार्दिक महाजन
28.09.2025