Category: Hindi Shayari

प्रतियोगिता दिल से दिल तक देखा चेहरा उसका

*टॉपिक* :- देखा चेहरा उसका प्रतियोगिता : *दिल से दिल तक* दिनाँक :- 29.09.2025 देखा चेहरा उसका तो दिन कुछ निकल जाने लगा, हर बात पर वो दिल जो उसका पिघल जाने लगा। (१) गुस्से में थोड़ी ज़्यादा ही वो नकचिढ़ी लगने लगी, बातों ही बातों मुँह फूला इश्क़ फ़िसल जाने लगा। (२) -“चंद सिफ़ारिशों […]

🌹इश्क़-ए-ख़ुदा🌹

प्रतियोगिता- दिल से दिल तक। शीर्षक-🌹इश्क़-ए-खुदा🌹 उसकी आंखे – समंदर सी गहरी मोहब्बत की कहानी है , नजरों से मिले नजर मचलती जवानी है । नीलकमल से कंटीले नैनो की बात है , लबों से माथे का चूमना सुकू जन्नत-सा है ।। उसके होंठ – नाज़ुक लबों की उपमा ,कमल की पंखुड़ी है , लबों […]

प्रतियोगिता : दिल से दिल तक

प्रतियोगिता : दिल से दिल तक ग़ालिब ” कोई महल नहीं.. टूटा-फूटा घर हो चाहे… ग़ालिब ! तस्वीर मेरी चाहे गन्दी हो, पर पल्लू से पोंछे जो, वो बस वो हो… ग़ालिब !! इत्मीनान से रख लूंगा मैं भी, जो व्रत उसका हो, चाहे जो हो… ग़ालिब ! मैं कई दिनों तक भूखा रह लूंगा, […]

जाम ए इश्क – प्रतियोगिता: दिल से दिल तक

प्रतियोगिता:दिल से दिल तक *जाम-ए-इश्क़* चलिए…. इस शब-ए-विसाल को ताबीर दें, हर अहद-ए-वफ़ा को नई तस्वीर दें। बहुत हो चुका हिज्र का ये लम्बा सफ़र, बस अब लम्हा-ए-दीदार की तकबीर दें। लबों पे आज मेरा नाम-ए-इश्क़ ही रहे, नज़र में बस तेरी जाम-ए-इश्क़ ही रहे। ये रात, ये बात, ये वक्त की हरकते गवाह हैं, […]

हुस्न

हुस्न की तारीफ़ में, न जाने कितनी ग़ज़लों को नाम मिला… लब-ओ-रुख़सार से, नज़्म-ए-जमाल का पैग़ाम मिला… पर्दे में रख्खा उन्हें… मगर रज़ कहाँ रज़ रहा… हर कोचे-कोचे में… उनके जल्वा-ए-गुलफ़ाम मिला… वो दिखती हैं क़यामत… या क़यामत ढलती है उनसे… दीदार-ए-नाज़नीं से… आफ़ताब-ए-गुलिस्ताँ मिला… सौदा-ए-दिल में… आशिक़ नियाज़ बे-ख़ुद-ओ-मस्त हुआ… साक़ी-ए-निगाह से… हर दम […]

ज्योत: परिवर्तन का प्रतीक

ज्योत: परिवर्तन का प्रतीक अँधेरों में जब राहें गुम हो जाती हैं, तो एक छोटी-सी ज्योत भी दिशा दिखा जाती है। यह सिर्फ़ रोशनी नहीं, आशा की किरण है, जो कहती है— हर अंधकार का अंत निश्चित है। ज्योत जलती है तो स्वयं को मिटाती है, पर अपने चारों ओर उजियारा फैलाती है। सिखाती है— […]

आग की तरह जलते सपने*

आग की तरह जलते सपने सपने… जिन्हें हमने अनगिनत रातों में सजाया, जिन पर हमने अपनी उम्मीदों का आंच दिया। वो सपने अब आग की तरह जलते हैं, हवा से नहीं, अपने इरादों की ताक़त से। हर जख्म, हर ठोकर ने उन्हें और भी प्रज्वलित किया, हर असफलता ने उन्हें और भी बुलंद बनाया। अब […]

सांस लेती जिंदा लाश

सांस लेती जिंदा लाश कभी धड़कते थे अरमान उसके सीने में, अब बस खामोशी का बसेरा है उसके चेहरे में। सपनों की वो मिठास, उम्मीदों की वो रोशनी, सब कहीं खो गई, पीछे छूट गई बस एक वीरानी। हर सुबह उठती है, पर आंखों में उजाले नहीं, हर शाम ढलती है, पर मुस्कान की चमक […]

“राष्ट्र प्रथम”

राष्ट्र प्रथम मेरे लहू की हर बूंद में बसा है तिरंगे का मान, साँस-साँस कहती है – भारत मेरा अभिमान। धरती से गगन तक पर्वत से सागर तक, हर कोना गाता है राष्ट्र प्रथम है, सब कुछ उसके बाद। जब भी देखता हूँ लाल किले पर लहराता तिरंगा, रग-रग में दौड़ जाती है एक अनोखी […]

जुनून ही पहचान

सीरीज वन प्रतियोगिता : 03 ” जयघोष ” विषय : जुनून ही पहचान मैं जुनून-ए मसाफ़त में घर से निकला था, मैं खुद की पहचान बनाने घर से निकला था… .. आबोहवा ने रोका,मैं कर-गुजरने निकला था, बेड़ियाँ थी पैरों मे, जब मैं अकेला निकला था… .. कितनी बे-अदब है दुनियां, फिर ये जाना था, […]