Category: Competition

मोहब्बत का लॉग आउट

##मोहब्बत का लॉग आउट## 🌻 मोहब्बत से तौबा करना खुशियो का न अपने सौदा करना मोहब्बत मिलती नहीं किसे जज्बात न अपने साझा करना दिल लगाना एक जुर्म है यहाँ कौन समझता है दिल यहाँ बदल जाते है लोग पल मे तू सदियों का न कोई वादा करना जिसे चाहो वही सताता है बहुत हो […]

मोहब्बत का लॉगआउट

Topic: मोहब्बत का लॉगआउट हाय मेरी किस्मत, क्या दिन आए रे, बीवी के ताने, मेरा बीपी बढ़ाए रे। लॉकडाउन ने ऐसा कहर ढाया था, मेरी मोहब्बत का लॉगआउट करवाया था। मेरी डिग्री करदी वेस्ट, मुझे बेरोजगारी का मज़ा चखाया था। इंस्टॉल हुए नए ऐप, डिलीट हुई मोटिवेशन, लॉगिन करते हर साइट पर बढ़ती रहती नौकरी […]

“मोहब्बत का लॉगआउट

मोहब्बत का लॉगआउट कभी इश्क़ था इबादत, सुकून की एक दुआ, अब DP बदलना और स्टोरी डालना ही बन गया रिवाज हुआ। पलकों में सपनों का संसार अब किताबों में नहीं, बस इंस्टा रील्स में बचा है इश्क़, पर वो भी झूठी ही सही। कभी इंतज़ार की घड़ियाँ दिलों को धड़काती थीं, चिट्ठियों की ख़ुशबू […]

मोहब्बत का लॉगआउट

मोहब्बत का लॉगआउट आधुनिकता प्रेम में भी दिखने लगी हैं अब स्टेट्स और फोटोज से यहां इजहार होता हैं रिश्ते भी डिटर्जेंट साबुन से हो गए हैं शिवोम बहुत जल्द ही मोहब्बत में लॉगआउट होता हैं दिल में जगह नहीं बस जिस्म ही हावी होता है प्रेमी मंदिरों में नहीं होटलों के कमरों में दिखता […]

मोहब्बत का लॉगआउट

*मोहब्बत का लॉगआउट* पहले कोई पसंद आए, फिर आए नज़दीक, उसके होने से अच्छा लगे ,और तो सब ठीक। ये मोहब्बत भी एक बुख़ार है, यक़ीन करो, उसके मैसेजेस को हर हाल में “सीन” करो। प्यार में आजकल तो ये तकनीक हावी है, कबूतर की जगह फेसबुक ही काफ़ी है। इंस्टाग्राम पर रील्स और स्टोरी […]

हिंदुस्तान का दिल – दिल्ली

“हिंदुस्तान का दिल – दिल्ली” दिल है ये हिंदुस्तान का, नाम है इसका दिल्ली, हर कोना इसकी रूह में समाई कोई गहरी यादों की सिल्ली। राजाओं की रजधानी थी, बादशाहों की ये शान, जहाँ क़ुतुब की मीनारें गातीं वीरों की पहचान। कभी धूप में लाल किला, कभी छांव में जामा मस्जिद, कभी अक्षरधाम की लौ […]

Jaliyavala bag hatyakand

जब बाग में खून बरसा था…जलियांवाला चैत की दोपहर थी, उम्मीदें जवाँ थीं, धरती की छाती पर आज़ादी की दुआ थी। पर नफ़रत की नज़र ने जो बारूद बोया, जलियांवाले बाग़ में, वही मौत का साया था। ना तलवार थी, ना कोई बगावत, बस हाथों में तिरंगे की मासूम सी चाहत। माँओं की गोद, बच्चों […]

मै इंडिया गेट हूँ..

मैं इंडिया गेट हूं… मैं खड़ा हूं चुपचाप, पर मेरा हर पत्थर बोलता है, हर नाम जो मुझ पर उकेरा है, वो शहीदों की रूह टटोलता है। ना मुझे नींद आती है, ना कोई शिकायत है मुझे, मैं तो बस वतन की मिट्टी में अमरता की गवाही हूं। सांवली रातों में जब रौशनी तिरंगे की […]

हड़प्पा सभ्यता इतिहास कि एक मूक पुकार

“हड़प्पा सभ्यता – इतिहास की मूक पुकार” मैं हड़प्पा हूँ… हाँ, वही मिट्टी की दीवारों में बसी खामोशी, वही सभ्यता जिसकी ईंटें अब भी इतिहास को चुपचाप कहती हैं। मैं था जब न राजा थे, न सेनाएँ, फिर भी हर गलियों में अनुशासन था, हर मोड़ पर संस्कृति मुस्कुराती थी। न कोई स्वर्ण सिंहासन, न […]

भीगी यादों के रंग

भीगी यादों के रंग नीचे गिरे कुछ काग़ज़, कुछ रंगों में डूबे हुए, तो कुछ बारिश की बूँदों से भीगे — जैसे कोई भूली-बिसरी डायरी, जैसे किसी मासूम की अधूरी कविताएँ… हर काग़ज़ का रंग, कोई सपना है जो बचपन में पनपा, किसी ने माँ के आँचल में छुप कर नाव बनाकर पानी में बहाया […]