Category: Competition

Jay ghosh – swaron ka utsav

सीरीज १ प्रतियोगिता ३ शीर्षक ( मैं ही परिवर्तन) नव भारत के उत्थान का लिए सुदृढ़ समर्थन दिव्य, तेजस मूल रूप से बनता सार्थक सृजन क्यों ढूंढे कहीं ओर तू जब मिलता कहीं अंतर्मन बढ़ता चल निरन्तर,निहित जब स्वयं में ही परिवर्तन। युग बदले बदले इंसान , गर कभी न जो बदला वो कहलाए महान […]

शब्दों से बदलाव

प्रतियोगिता – कलम से आवाज़ तक विषय – शब्दों से बदलाव शब्द बताते हैं व्यक्ति का चरित्र कैसा हैं शब्दों से ही तो इतिहास भी बदलता हैं शब्द बन जाते जिंदगी शब्द हैं खजाना शब्दों से ही समाज में बदलाव आता हैं शब्द संतुलित हो तो जीवन भी चमकता शब्दों के आधार पे सम्मान भी […]

शब्दों से बदलाव

सीरीज 1 प्रतियोगिता 2 शब्दों की ताकत : कलम से आवाज़ तक प्रतियोगिता टॉपिक : “शब्दों से बदलाव” चरण : फाइनल रचयिता : सुनील मौर्या “शब्दों से बदलाव” ———————— देखें तो, सदियों पुराने हैं यह शब्द और इन्हीं शब्दों ने, बदली हैं हम सबकी सोच। लिखने, बोलने, पढ़ने से, हमारे व्यवहार हमारे छवि, हमारे चरित्र […]

शब्दो से बदलाव

*✍️ सीरीज़ – 1 | प्रतियोगिता – 2* *शब्दों की ताकत : कलम से आवाज़ तक* *फ़ाइनल चरण* *विषय* – *शब्दों से बदलाव* शब्द सागर हैं शब्द गघार हैं शब्दों से भाव उजागर हैं शब्द मोती है शब्द माला है ये मन को जीतने वाला है ये खेल शब्दों का जीवन में होता ही बड़ा […]

Saadho se samaz mai badlav

शब्दों से समाज में बदलाव प्रीतियोगिता २ : फाइनल चरण शब्दों में एक प्रवाह है, जो विचारों को जन्म देता है, विचार ही बदलाव का आधार हैं। जब एक स्वतंत्रता सेनानी ने नारे दिए, तो आज़ादी का उद्घोष गूंज उठा “सरफरोशी की तमन्ना” से लेकर “जय हिंद” तक, हर दिल जुड़ उठा। जब शब्द एक […]

शब्दों की ताकत ( कलम से आवाज़ तक)

कविता प्रतियोगिता: शब्दों की ताकत ( कलम से आवाज़ तक) द्वितीय चरण विषय: (शब्दों से बदलाव) भाषा की होती एक मूल इकाई जिसका अर्थ समझलो भाई सार्थक व निरर्थक बनते जिनको हम शब्द है कहते । अभिव्यक्ति के माध्यम बनकर करते हैं विचारों का आदान – प्रदान इनकी तुलना करे तो सभी से निकलेगा हर […]

शब्दों से बदलाव

शब्दों से बदलाव शब्द… ये छोटे-छोटे अक्षर ही तो हैं, पर इनसे पूरी दुनिया का चेहरा बदल जाता है। एक शब्द से जंग छिड़ जाती है, और एक शब्द से अमन का रास्ता बन जाता है। एक शब्द किसी को तोड़ देता है, और वही शब्द किसी को जीने की वजह बना देता है। समाज […]

शब्दों की ताकत: – क़लम से आवाज़ तक

*क़लम बनाम तलवार* आज *सुनवाई मेरे क़लम* बनाम तलवार की होगी, कहीं पर थोड़ी, कहीं पर *ज़्यादा धार तेज* इसमें होंगी।। आप सभी को दिखाऊंगी!! सफर यह मैंने कैसे तय किया था ? *चौक से पेन्सिल* तक का सफ़र शुरू कुछ ऐसे हुआ:- सिखा जब लिखा मैंने *पहली बार* पकड़ी चौक (बरता) लेकर अपने हाथ, […]

कलम की ताक़त

प्रतियोगिता 2 ~ *शब्दो की ताक़त*~ *कलम से आवाज़ तक*~ कलम की धार बहुत तेज चलती है , सीधे दिल पर आकर रुकती है , हो जाता है इसका असर बहुत गहरा अंदर से झकझोर कर रख देती है । शब्द कम पड़ते है इसकी तारीफ में , इससे लिखे लफ़्ज़ उतरते है दिल में […]

कलम बनाम तलवार

सीरीज 1 प्रतियोगिता 2 शब्दों की ताकत : कलम से आवाज़ तक प्रतियोगिता टॉपिक : “कलम बनाम तलवार” चरण : प्रथम रचयिता : सुनील मौर्या कलम बनाम तलवार ————————- 🗡️ तलवार कहती है: मैं चमक हूँ, आंधी हूँ, रणभूमि की आवाज़, मेरे संग कई राजाओं ने रचा था इतिहास। 1857 की ज्वाला में जब पूरा […]