Category: Competition

बचा लो इंसानियत वरना कुछ न बचेगा

विषय – बचा लो इंसानियत वरना कुछ न बचेगा कोने में पड़ी खाट उस पर बीमार बाप हैं मां फ़ुख रही चूल्हा अंदर करुण विलाप हैं बेटे बहू का चल रहा नित नृत्य का प्रोग्राम हैं देख दशा ऐसी विधाता भी खुद परेशान हैं पोता सोच रहा कि कब ये दुर्व्यवहार मिटेगा प्रभु बचा लो […]

दरख़्त

दरख़्त जैसे रिश्ते थे, हर शाख़ में बहार, अब हर सदा में तन्हाई है, दिल में है गुबार। एक दरख़्त की छाँव में, मिलते थे सब सबा, अब हर कोई जुदा है, बस हैसियत का ख़ुमार। जड़ें थीं जो मोहब्बत की, अब सूखती सी लगें, रिश्तों की नमी ग़ायब, दिल भी है ख़स्ता-ए-कार। माँ-बाप की […]