कविता प्रतियोगिता: शब्दों की ताकत ( कलम से आवाज़ तक) शीर्षक: कलम और तलवार कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है, इसकी लेखनी की छवि जग में सबसे निराली है। करती है जो शब्दों के प्रहार तलवार से भी तेज होती है इसकी लिखावट की धार। कभी भी कम ना आंकना इसकी महानता शब्दों के माध्यम […]
Category: Competition
कलम बनाम तलवार
शब्दो की ताकत कलम से आवाज़ तक विषय कलम बनाम तलवार *कलम* कलम ने लिखे संविधान और कितने वेद पुराण लिखे नज़्म ग़ज़ल और गीत गान सारे इतिहास महान लिखे लिखे नाम उन वीरों के जो थे देश की शान लिखे जीवन से मिटा के अंधकार फिर इसको रौशन दान लिखे हाथों में अगर हो […]
Sabdo ki takat
शब्दों की ताक़त :कलम से आवाज़ तक प्रतियोगिता चरण १ कलम बनाम तलवार मैं हूँ एक कलम ! कर देती गुलजार किसी, के शब्दो से उसके सपनो को। मैं हूँ एक तलवार ! कर देती ढेर मार दुश्मनों को मै कलम हूँ ,दिशा दिखाती अपने लेखन से , मै तलवार ,ना पहचान अपना पराया करती […]
कलम बनाम तलवार
कलम बनाम तलवार तलवार कहती है – मैं लहू से इतिहास लिखती हूँ, मेरे वार से साम्राज्य झुकते हैं, सत्ता मेरे साये में पलती है, मेरी धार से डरकर ही राजनैतिक सच मुखर होते हैं। कलम मुस्कुराकर कहती है – तेरे वार से सिर झुक सकते हैं, दिल नहीं… मैं जख़्म नहीं देती, बल्कि मरहम […]
मेहनत ( पर्दे के पीछे(
प्रतियोगिता – शब्दों की अमृतवाणी फाइनल राउंड विषय – मेहनत (पर्दे के पीछे) जो इंसान मेहनत की रोटी कमाता खाता हैं असल मायने में जिंदगी जीना वही जानता सुकून हैं कितना मेहनत से कम कर खाने में मेहनत वालों का ही तो नसीब भी बदलता हैं मेहनत कर जिंदगी बनाता हैं पिता बच्चों की उन्हीं […]
संघर्ष से संकल्प तक
प्रतियोगिता : शब्दों की अमृतवाणी कविता : संघर्ष से संकल्प तक रचयिता : सुनील मौर्या चरण : फाइनल आधारित. : चलचित्र परिचय : ज़िंदगी की असली ताक़त दौलत या शरीर में नहीं, बल्कि उस जज़्बे में है जो हर हालात को जीत में बदल देता है। यही जज़्बा है — संघर्ष से संकल्प तक.. संघर्ष […]
जीवन का संघर्ष और मज़दूर
प्रतियोगिया ~ *शब्दो की अमृतवाणी* *जीवन का संघर्ष और मज़दूर*~ उम्र को मात देता सूरज का साथ देता चल पड़ा वो रोजी को , बच्चों का भूख से बिलखता चेहरा लिए आंखों में निकल पड़ा वो रोटी को । वजन ढोना मजबूरी है , मंजिल से अभी बहुत दूरी है , क़दम रोज़ उसका साथ […]
मजबूरी
प्रतियोगिता “शब्दों की अमृतवाणी” सीरीज 1, फाइनल राउंड टॉपिक ‘मजबूरी’ __________________________ तपती धूप में, बूढ़ी काया, झुकी पीठ पर जीवन की छाया। जिस उम्र में खुद का बोझ संभाला ना जाए, उसी उम्र में वो औरों का बोझ उठाए। जिन बच्चों का पालन-पोषण वो करता जाय, मुस्कान आती चेहरे पे उसके, अगर वो बच्चे भी […]
हर चुनौती तुम्हें विजेता बनती है जिंदगी की
*सेकंड राउंड* विषय:- *हर चुनौती तुम्हें विजेता बनती है जिंदगी की* जीवन हर मोड़ पर इम्तिहान रखता है, और संघर्ष ही इंसान की पहचान रखता है। बूढ़ा शरीर, काँपते कदम, फिर भी मुस्कुराता, समय की मार झेलकर भी हिम्मत दिखाता। दो हाथ नहीं, पर हौसले परवान हैं, पैरों से चलता ट्रैक्टर, यही उसकी जान है। […]
Paisa or zindagi
कविता प्रतियोगिता : शब्दों की अमृतवाणी शीर्षक : पैसा और ज़िंदगी पैसा कमाना कितना है ज़रूरी, दिव्यांग हो या बुज़ुर्ग – सबकी यही है मजबूरी। किसी ने चुनी मेहनत, तो चुनौतियाँ राह बनीं सफलता की, किसी ने चुना भाग्य, और किस्मत के आगे घुटने टेक दिए – वो भीख माँगने पर मजबूर हुए। किसी ने […]