प्रतियोगिता “शब्दों की अमृतवाणी” सीरीज 1, फाइनल राउंड टॉपिक ‘मजबूरी’ __________________________ तपती धूप में, बूढ़ी काया, झुकी पीठ पर जीवन की छाया। जिस उम्र में खुद का बोझ संभाला ना जाए, उसी उम्र में वो औरों का बोझ उठाए। जिन बच्चों का पालन-पोषण वो करता जाय, मुस्कान आती चेहरे पे उसके, अगर वो बच्चे भी […]
Garibi se bada imaan
प्रतियोगिता “शब्दों की अमृतवाणी ” विषय- “गरीबी से बड़ा ईमान” “फाइनल राउंड ” …………………….. ताकत से नहीं मनोबल से टूटा हूँ, तन से आज भी मजबूत हूँ, मैं परवरिश के धागों में बँधा हूँ, गरीब हूँ चोर नहीं मैं मेहनत, से जीना चाहता हूं ….!!! परवरदीगार तूने मुझे जीवन दिया, मुझे अधूरा बनाकर पूर्ण किया, […]
हर चुनौती तुम्हें विजेता बनती है जिंदगी की
*सेकंड राउंड* विषय:- *हर चुनौती तुम्हें विजेता बनती है जिंदगी की* जीवन हर मोड़ पर इम्तिहान रखता है, और संघर्ष ही इंसान की पहचान रखता है। बूढ़ा शरीर, काँपते कदम, फिर भी मुस्कुराता, समय की मार झेलकर भी हिम्मत दिखाता। दो हाथ नहीं, पर हौसले परवान हैं, पैरों से चलता ट्रैक्टर, यही उसकी जान है। […]
ज़िंदगी का संघर्ष
विषय: जिंदगी का संघर्ष एक ठेला खींचता इंसान घोड़े नहीं, खुद बन जाता रथवान पसीने से लथपथ पर उसके हाथ में जिंदगी की लगाम, आँखों में बसी अब भी सुबह की शाम…… एक ओर जिसके हाथ नहीं पैरों से सम्भालता टराली की स्टीयरिंग उम्मीदों में है अब भी जान कोई कमज़ोरी नहीं यह अब तुम […]
जिंदगी और उसका सच
प्रतियोगिता:- “शब्दों की अमृतवाणी” विषय:- ” जिंदगी और उसका सच ” जिंदगी आज एक नया मोड़ ले रही है, कहीं पर सर झुका रही है, तो कहीं हाथ जोड़ रही है । कहती है मुझसे बहुत लड़ लिया तूने, कहती है मुझसे बहुत लड़ लिया तूने, संघर्ष करने के लिए अब… नए नए तोड़ […]
Paisa or zindagi
कविता प्रतियोगिता : शब्दों की अमृतवाणी शीर्षक : पैसा और ज़िंदगी पैसा कमाना कितना है ज़रूरी, दिव्यांग हो या बुज़ुर्ग – सबकी यही है मजबूरी। किसी ने चुनी मेहनत, तो चुनौतियाँ राह बनीं सफलता की, किसी ने चुना भाग्य, और किस्मत के आगे घुटने टेक दिए – वो भीख माँगने पर मजबूर हुए। किसी ने […]
मेहनत की परछाई
विषय- मेहनत की परछाई बढ़े पाँव कमाते रहे धूप में दिन भर, पर उनको न मिला सुकून कभी उम्र भर। बच्चों का पेट ज़िंदगी भर पालते रहे, अंत में वही बच्चे वृद्धाश्रम छोड़ते रहे। फल बेच- बेचकर सड़कों पर चलते रहे, अपनों के सपनों के लिए खुद को भूलते रहे। हाथ न रहे तो पैरों […]
शब्दों की अमृतवाणी
कविता प्रतियोगिता: शब्दों की अमृतवाणी शीर्षक : जिंदगी एक संघर्ष जिंदगी में अनेक मोड़ आयेंगे कभी धूप तो कभी छांव बनकर हमको बहुत कुछ सिखलाऐंगे । गर जो कठिन परिश्रम का जानेगा मोल वहीं कहलाएगा सबसे अनमोल । पैसे कमाने की खातिर हर कोई उत्सुक रहते हैं कोई अभिलाषा से तो कोई इसे मजबूरी में करते […]
सोच और प्रतिष्ठा
सोच और प्रतिष्ठा सत्तर-अस्सी बरस का बूढ़ा, थका हुआ शरीर, काँपते हुए हाथ, फिर भी मेहनत करता है रोज़, कि परिवार का चूल्हा बुझ न पाए, पेट की आग शांत हो जाए। वहीं कुछ जवान, हड्डियाँ मज़बूत, साँसों में उमंग, पर आदत है सहारे की, दूसरों के कंधों पर जीते हैं और कहते हैं – […]
“बिना स्क्रीन की यादें”
प्रतियोगिता : शब्दों की अमृत वाणी : सफलता की सीढ़ी विषय : “बिना स्क्रीन की यादें” भाषा: हिंदी कविता बचपन की यादों में क्या दिन थे, खुशियों की लहरों संग हसीन थे अपनों का प्यार झलकता था, बिजली गुल हो जाने पर भी संग थे हर लम्हें में जैसे सतरंगी रंग थे.…… वो बारिश में […]