प्रतियोगिता-शब्दों की ताकत – कलम से आवाज तक सीरीज एक- (प्रतियोगिता दो) शीर्षक- कलम बनाम तलवार रुचिका जैन अल्फाज़ ए सुकून ………………………… जब से मैंने कलम उठाई, जगत की नहीं सुन रहीं, मेरी स्याही, सिर उठाकर जी रहीं हूँ मैं, बेखौफ,बेबाक, लेकिन, स्वतंत्र होने के इंतजार में, छोटी से देखती थी जुर्म होते, समाज में […]
कलम बनाम तलवार
सीरीज 1 प्रतियोगिता 2 शब्दों की ताकत : कलम से आवाज़ तक प्रतियोगिता टॉपिक : “कलम बनाम तलवार” चरण : प्रथम रचयिता : सुनील मौर्या कलम बनाम तलवार ————————- 🗡️ तलवार कहती है: मैं चमक हूँ, आंधी हूँ, रणभूमि की आवाज़, मेरे संग कई राजाओं ने रचा था इतिहास। 1857 की ज्वाला में जब पूरा […]
शब्दों की ताकत: कलम से आवाज़ तक
कविता प्रतियोगिता: शब्दों की ताकत ( कलम से आवाज़ तक) शीर्षक: कलम और तलवार कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है, इसकी लेखनी की छवि जग में सबसे निराली है। करती है जो शब्दों के प्रहार तलवार से भी तेज होती है इसकी लिखावट की धार। कभी भी कम ना आंकना इसकी महानता शब्दों के माध्यम […]
कलम बनाम तलवार
शब्दो की ताकत कलम से आवाज़ तक विषय कलम बनाम तलवार *कलम* कलम ने लिखे संविधान और कितने वेद पुराण लिखे नज़्म ग़ज़ल और गीत गान सारे इतिहास महान लिखे लिखे नाम उन वीरों के जो थे देश की शान लिखे जीवन से मिटा के अंधकार फिर इसको रौशन दान लिखे हाथों में अगर हो […]
Sabdo ki takat
शब्दों की ताक़त :कलम से आवाज़ तक प्रतियोगिता चरण १ कलम बनाम तलवार मैं हूँ एक कलम ! कर देती गुलजार किसी, के शब्दो से उसके सपनो को। मैं हूँ एक तलवार ! कर देती ढेर मार दुश्मनों को मै कलम हूँ ,दिशा दिखाती अपने लेखन से , मै तलवार ,ना पहचान अपना पराया करती […]
कलम बनाम तलवार
कलम बनाम तलवार कि तुम बना दोगे गर मुझे अपना दुश्मन टूट कर बिखर जायेंगे तुम्हारे तमाम ख्वाब विजयी पताका लहराने के खातिर हरदम खेल डाली मैने खून की होली हजारों साल। अतीत के पन्नों को आओ पलटें फिर इक दफा पृथ्वीराज का शौर्य किसी शेर की भांति गरजा था हाथों में तलवार लिए वीर […]
कलम बनाम तलवार
कलम बनाम तलवार तलवार कहती है – मैं लहू से इतिहास लिखती हूँ, मेरे वार से साम्राज्य झुकते हैं, सत्ता मेरे साये में पलती है, मेरी धार से डरकर ही राजनैतिक सच मुखर होते हैं। कलम मुस्कुराकर कहती है – तेरे वार से सिर झुक सकते हैं, दिल नहीं… मैं जख़्म नहीं देती, बल्कि मरहम […]
तलवार बनाम कलम
प्रतियोगिता – शब्दों की ताक़त (कलम से आवाज़ तक) प्रथम चरण विषय – कलम बनाम तलवार सुनो कलम मैं तलवार हूं तुमसे तेज चलती हूं योद्धा के हाथ में जाते ही रक्त भी बिखेरती हूं लक्ष्मीबाई ने मुझको अपना साथी था बनाया सदियों से ही मैं तो वीरों के पास ही रहती हूं कितनी शौर्यगाथा […]
मेहनत ( पर्दे के पीछे(
प्रतियोगिता – शब्दों की अमृतवाणी फाइनल राउंड विषय – मेहनत (पर्दे के पीछे) जो इंसान मेहनत की रोटी कमाता खाता हैं असल मायने में जिंदगी जीना वही जानता सुकून हैं कितना मेहनत से कम कर खाने में मेहनत वालों का ही तो नसीब भी बदलता हैं मेहनत कर जिंदगी बनाता हैं पिता बच्चों की उन्हीं […]
मैं हूं भारतीय मजदूर
चलो आज भारत की अर्थव्यवस्था दिखाता हूं, अपने आप से आप सब को रूबरू करवाता हूं। मैं देखता हूं दुर्दशा अपनों की भी अपने आसपास, क्या कहूं पैसा भगवान है जिससे मैं हार जाता हूं। अपने देश की तरक्की की धुरी मैं मजदूर भी हूं, देखता हूं मुफलिसी अपनी पर बोल नहीं पाता हूं। सरकारी […]