विषय : प्रकृति हमसे नाराज़ है । शब्दों की माला : एकल राउंड जिसे कहा माँ उसकी ये दुर्दशा – कि, अपनी खुद कहानी लिखी व्यथा की, प्रकृति की पूजन का संदेश तो “श्री कृष्ण “ ने भी बतलाया, पूजा था गोवर्धन को— मान उसने भी पाया, फिर हम मनुष्य क्या प्रभु से भी ऊपर […]
सांस लेती जिंदा लाश
सांस लेती जिंदा लाश कभी धड़कते थे अरमान उसके सीने में, अब बस खामोशी का बसेरा है उसके चेहरे में। सपनों की वो मिठास, उम्मीदों की वो रोशनी, सब कहीं खो गई, पीछे छूट गई बस एक वीरानी। हर सुबह उठती है, पर आंखों में उजाले नहीं, हर शाम ढलती है, पर मुस्कान की चमक […]
राष्ट्र प्रथम
प्रतियोगिता – (जयघोष) फाइनल राउंड विषय -” राष्ट्र प्रथम ” छाएगा जब-जब देश पर संकट गहन चुनाव रहेगा हमारा केवल ‘राष्ट्र प्रथम ‘ इस पर क्या सोचना क्या विचार करना दिल देता गवाही हमेशा राष्ट्र के हैं हम ।। यह बात नहीं है उड़ती-उड़ती हवाओं की यह बात है धरातल से जुड़ें फिज़ाओं की अगर […]
कर्म ही पूजा
कर्म ही पूजा कर्म के बिना कुछ हासिल नहीं कर्म ही पूजा है मार्ग कोई दूजा नहीं जो बोया उसी का फल मिलता है भाग्य अकेला विकल्प नहीं कर गुजरने की जो ठान लेते है इससे बड़ा कोई संकल्प नहीं सत्कर्म से मिलता है सुकून मन की शांति से बड़ा कोई गन्तव्य नहीं किया जाता […]
क्रांति की गूंज
सीरीज वन प्रतियोगिता 03 जयघोष ( स्वरों का उत्सव, भावनाओं का जयघोष ) विषय – क्रांति की गूंज आज के दौर में बस मशीनों में नहीं उलझना हैं अपने पूर्व क्रांतिकारियों को याद हमे रखना हैं उनकी जयंती पे फूल माला चढ़ा के क्या होगा उनके जैसा बनकर देश को आगे हमे बढ़ाना हैं हिम्मत […]
कर्म हो पूजा
सीरीज 1 प्रतियोगिता 3 —————————— प्रतियोगिता टॉपिक : कर्म ही पूजा चरण : अंतिम रचयिता : सुनील मौर्या कर्म ही पूजा 🙏 जीवन की राहों में जब अंधियारा छा जाता है, कर्म का दीपक ही, तब हमे दिशा दिखाता है। सपनों की मंज़िल तक पहुँचने का सूत्र यही, न हार माननी है कभी, ना ही […]
Jayghosh ( swaron ka utsav )
सीरीज १ कविता प्रतियोगिता ३ शीर्षक: (कर्म ही पूजा ) भविष्य का जो करे निर्माण सफलताओं का बने आधार आत्मज्ञान व आत्ममंथन है जिनसे वे कर्म ही है पूजा समान । जैसी करनी ,वैसी भरनी लोक हितों में श्रेष्ठ बनेगी जिसकी जैसे नियति लेखनी। सत् कर्म के ३ प्रकार जिनको बतलाती हूं इस प्रकार शरीर […]
कर्म ही पूजा
*विषय* *कर्म ही पूजा* कर्म श्रृष्टि का कारक है कर्म ही कष्ट निवारक है सफलता मिलती कर्म से ही केवल कर्म ही आवक है कर्म है जीवन का हिसाब कर्म ही है खुली किताब देखा जाता पुण्य पाप किसका कितना है खराब कर्म ही भाग्य विधाता है कर्म ही धन का दाता है कर्म से […]
Karm hi puja
प्रीतियोगिता ३ : चरण फाइनल विषय : कर्म ही पूजा कर्म ही पूजा है, जिसने यह जीवन मैं अपनाया । बिना रुके बिना थमे उसने , लक्ष्य को पाया । बस अपना कर्म करते रहिए, सत्मार्ग पर चलते रहिए , सेहत बनी रहे, मन स्थिर रहे, यही तो जीवन की सही दिशा है। जिसने कर्म […]
“राष्ट्र प्रथम”
राष्ट्र प्रथम मेरे लहू की हर बूंद में बसा है तिरंगे का मान, साँस-साँस कहती है – भारत मेरा अभिमान। धरती से गगन तक पर्वत से सागर तक, हर कोना गाता है राष्ट्र प्रथम है, सब कुछ उसके बाद। जब भी देखता हूँ लाल किले पर लहराता तिरंगा, रग-रग में दौड़ जाती है एक अनोखी […]