सीरीज वन प्रतियोगिता : 03 ” जयघोष ” विषय : जुनून ही पहचान मैं जुनून-ए मसाफ़त में घर से निकला था, मैं खुद की पहचान बनाने घर से निकला था… .. आबोहवा ने रोका,मैं कर-गुजरने निकला था, बेड़ियाँ थी पैरों मे, जब मैं अकेला निकला था… .. कितनी बे-अदब है दुनियां, फिर ये जाना था, […]
मैं ही परिवर्तन
मैं ही परिवर्तन सन्नाटे में जो पहली पुकार गूँजती है, वो मेरी ही आवाज़ होती है। भीड़ में जो अकेला खड़ा दिखता है, वो मैं ही हूँ, जो रास्ता बदलता है। लोग कहते हैं – वक़्त बदलता है, पर सच्चाई ये है कि बदलता तो इंसान है। और जब इंसान बदलता है, तभी वक़्त की […]
Jay ghosh – swaron ka utsav
सीरीज १ प्रतियोगिता ३ शीर्षक ( मैं ही परिवर्तन) नव भारत के उत्थान का लिए सुदृढ़ समर्थन दिव्य, तेजस मूल रूप से बनता सार्थक सृजन क्यों ढूंढे कहीं ओर तू जब मिलता कहीं अंतर्मन बढ़ता चल निरन्तर,निहित जब स्वयं में ही परिवर्तन। युग बदले बदले इंसान , गर कभी न जो बदला वो कहलाए महान […]
शब्दों से बदलाव
प्रतियोगिता – कलम से आवाज़ तक विषय – शब्दों से बदलाव शब्द बताते हैं व्यक्ति का चरित्र कैसा हैं शब्दों से ही तो इतिहास भी बदलता हैं शब्द बन जाते जिंदगी शब्द हैं खजाना शब्दों से ही समाज में बदलाव आता हैं शब्द संतुलित हो तो जीवन भी चमकता शब्दों के आधार पे सम्मान भी […]
शब्दों से बदलाव
सीरीज 1 प्रतियोगिता 2 शब्दों की ताकत : कलम से आवाज़ तक प्रतियोगिता टॉपिक : “शब्दों से बदलाव” चरण : फाइनल रचयिता : सुनील मौर्या “शब्दों से बदलाव” ———————— देखें तो, सदियों पुराने हैं यह शब्द और इन्हीं शब्दों ने, बदली हैं हम सबकी सोच। लिखने, बोलने, पढ़ने से, हमारे व्यवहार हमारे छवि, हमारे चरित्र […]
शब्दो से बदलाव
*✍️ सीरीज़ – 1 | प्रतियोगिता – 2* *शब्दों की ताकत : कलम से आवाज़ तक* *फ़ाइनल चरण* *विषय* – *शब्दों से बदलाव* शब्द सागर हैं शब्द गघार हैं शब्दों से भाव उजागर हैं शब्द मोती है शब्द माला है ये मन को जीतने वाला है ये खेल शब्दों का जीवन में होता ही बड़ा […]
Shabdo se badlav
प्रतियोगिता- शब्दों की ताकत-कलम से आवाज तक सीरीज एक -(प्रतियोगिता दो ) Topic- शब्दों से बदलाव …………………………….. . शब्दों का ही जादू है, जो दुनिया बेकाबू है, माँ के शब्दों में जादू हैं, प्रेमी के शब्दों से दिल हो जाता बेकाबू है, शिक्षक जब देते ज्ञान, सम्पूर्ण समाज का हो, जाता कल्याण, साधू , अपने […]
Saadho se samaz mai badlav
शब्दों से समाज में बदलाव प्रीतियोगिता २ : फाइनल चरण शब्दों में एक प्रवाह है, जो विचारों को जन्म देता है, विचार ही बदलाव का आधार हैं। जब एक स्वतंत्रता सेनानी ने नारे दिए, तो आज़ादी का उद्घोष गूंज उठा “सरफरोशी की तमन्ना” से लेकर “जय हिंद” तक, हर दिल जुड़ उठा। जब शब्द एक […]
शब्दों से बदलाव
शब्दों से बदलाव प्रतियोगिता 2 : अंतिम चरण हर किसी को मयस्सर नहीं होती मुतमईन जिंदगी गुलामी के दायरे से किसी को गुजरना ही पड़ता है हर किसी को शोहरत अदा नहीं फरमाती ये जिंदगी महशर का सामना किसी को करना ही पड़ता है आसान नहीं होता शब्दों के जादू से किसी की जिंदगी महकाना […]
शब्दों की ताकत ( कलम से आवाज़ तक)
कविता प्रतियोगिता: शब्दों की ताकत ( कलम से आवाज़ तक) द्वितीय चरण विषय: (शब्दों से बदलाव) भाषा की होती एक मूल इकाई जिसका अर्थ समझलो भाई सार्थक व निरर्थक बनते जिनको हम शब्द है कहते । अभिव्यक्ति के माध्यम बनकर करते हैं विचारों का आदान – प्रदान इनकी तुलना करे तो सभी से निकलेगा हर […]