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अब ये चिड़िया कहाँ रहेगी

प्रतियोगिता – काव्य के आदर्श विषय – अब ये चिड़िया कहाँ रहेगी पीहर की डाल से उड़ चली चिड़िया, मन में सपनो का घर बसाए, आंखों में अश्रु और भारी मन , कोई नहीं जो धीर बंधाए , नई दुनिया और नई डगर है , नए लोग और नया सा घर है, छूट गया है […]

अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी

अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी उस टूटी डाल का अब आसरा रहा कहाँ कोई, पंख तो है मगर उड़ने का रास्ता दिखाता कोई। नीड़ जो था कभी सपनों का, अब खंडहर हो गया, जहाँ जीवन गाता था गीत, वहाँ सन्नाटा खो गया। वो शाखें भी अब पराई सी लगती हैं उसे, हर पेड़, हर बगिया […]