Tag: अल्फ़ाज़ ए सुकून इंसानियत

बचा लो इंसानियत वरना कुछ न बचेगा

विषय – बचा लो इंसानियत वरना कुछ न बचेगा कोने में पड़ी खाट उस पर बीमार बाप हैं मां फ़ुख रही चूल्हा अंदर करुण विलाप हैं बेटे बहू का चल रहा नित नृत्य का प्रोग्राम हैं देख दशा ऐसी विधाता भी खुद परेशान हैं पोता सोच रहा कि कब ये दुर्व्यवहार मिटेगा प्रभु बचा लो […]