Tag: अल्फ़ाज़ ए सुकून कलम की धार

Not for marking

Not for marking कलम की धार तलवार से भी तेज हमें करनी होगी मिलकर हम कवियों को ही नई क्रांति लिखनी होगी देश में हो रहे कत्लेआम पे चुप रहे फिर वो कवि कैसा उठाकर कलम अब हर मुद्दे पे अपनी बात रखनी होगी दादा हरिओम पवार जैसे कई आदर्श हैं हमारे शिवोम सीख उन्हीं […]