सीरीज 1 l राउंड 1 l प्रतियोगिता 9 ज़रा उनकी भी सोचो ————————— (छोटे कारीगर और विक्रेताओं को समर्पित) ज़रा उनकी भी सोचो, जो धूप में तपकर, छाँव की दुआ करते हैं, जिनके हाथों की लकीरें तक मिट जाती हैं। वो जिनकी साँसों में पसीने की ख़ुशबू होती है, पर आँखों में सपनों का समंदर […]
