प्रतियोगिता – काव्य के आदर्श द्वितीय चरण विषय – वो तोड़ती पत्थर वो तोड़ती हैं पत्थर साथ कलेजा भी जलाती हैं एक हाथ मारती चोट एक से स्तनपान कराती हैं स्त्री भी कितनी मजबूती से बनी होती हैं शिवोम स्वावलंबी खुद बन वही बच्चों को भी सिखाती हैं खड़ी दुपहरी में चमकाती हैं वो मेहनत […]
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अब यह चिड़िया कहां रहेगी
प्रतियोगिता – काव्य के आदर्श विषय – अब यह चिड़िया कहां रहेगी आंधी तुफ़ा अब सब सह लेगी पंखों को और मज़बूत कर लेगी लेकिन जब क्रूरता हद पार करेगी तब चिड़िया की अश्रु धार बहेगी घोंसला अब बच्चे कहा पहचानते चिड़ियों की ची-ची स्वप्न हैं मानते उनके सामने ही जब पेड़ कटेगा वहीं बच्चा […]
