Tag: ख्वाहिशें

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें कभी मिट्टी में खुशबू टटोलने की ख्वाहिश थी, कभी माँ के आँचल में छुप जाने की ख्वाहिश थी। कभी किताबों के पन्नों में खो जाने का मन था, कभी प्रेमचंद के गाँव में जीने का सपना बना था। कभी शब्दों से ही भूख मिटाने का इरादा था, कभी आँसू को कविता में बदलने का […]

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें कभी मिट्टी में खुशबू टटोलने की ख्वाहिश थी, कभी माँ के आँचल में छुप जाने की ख्वाहिश थी। कभी किताबों के पन्नों में खो जाने का मन था, कभी प्रेमचंद के गाँव में जीने का सपना बना था। कभी शब्दों से ही भूख मिटाने का इरादा था, कभी आँसू को कविता में बदलने का […]