प्रतियोगिता – तंज की ताकत विषय – भीड़ में रहकर अकेले हैं भीड़ के सिंधु में डूबा मनुज, फिर भी सूखे तट सा अकेला है, रंग-बिरंगी जगमगाहटों में, नीरवता का कड़वा रेला है, मिलते हैं कितने अपने , पर कोई नहीं अपना होता, हर अनसुलझी मुस्कान के पीछे , एक टूटा सपना होता , विनम्रता […]