🪒 वो तोड़ती पत्थर🪒 धूप की मार सहती थी, फिर भी कभी न हारी, छांव मिली नहीं जीवन में, पर उम्मीद थी सारी। पत्थरों से भिड़ जाती थी, जैसे कोई जंग लड़ती, हर चोट पे मुस्काती थी, जैसे खुद को परखती। गोद में बच्चा भूखा था, पर रोटी नहीं थी पास, आँखों में नींद नहीं […]