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आग की तरह जलते सपने

कविता प्रतियोगिता – हुंकार विषय – आग की तरह जलते सपने तहज़ीब का दुप्पटा ओढ़ना अजनबी सिखाते खुद की नज़र बेटियों के प्रति काबू न कर पाते आग की तरह जलते सपने राख हो जाते हैं हम बेटियों के ख़्वाब, ख़्वाब ही रह जाते हैं… बेटियों को उड़ान भला कौन भरने देना चाहता हमारा अपना […]