सीरीज १ कविता प्रतियोगिता ३ शीर्षक: (कर्म ही पूजा ) भविष्य का जो करे निर्माण सफलताओं का बने आधार आत्मज्ञान व आत्ममंथन है जिनसे वे कर्म ही है पूजा समान । जैसी करनी ,वैसी भरनी लोक हितों में श्रेष्ठ बनेगी जिसकी जैसे नियति लेखनी। सत् कर्म के ३ प्रकार जिनको बतलाती हूं इस प्रकार शरीर […]