विषय- सपनों की उड़ान🕊🕊🕊🕊🕊 हमारे सपनों की उड़ान में कितनी तीर्व गति होती है, हम उड़ कर ना जाने कहाँ-कहाँ पहुंच जाते हैं। कभी हवा के झोंकों के साथ मस्ती करते हैं कभी बादलों का झूला बनाकर बैठ जाते हैं, कभी तारों के साथ खेलते हैं ,कभी चाँद से बतियाते हैं। कितनी आसान होती है […]
Tag: #kavita
मेहनत एक मूल मंत्र
प्रतियोगिता ३ :चरण १ मेहनत एक मूल मंत्र चलता चल तू, चलता चल, मेहनत है अपने हाथ में। उठ चल, अपनी किस्मत अब खुद ही लिख अपने साथ में। मत पाल कोई संशय, कोई भ्रम, तेरे हिस्से के कर्म — ना टाल किसी और पर। आलस को त्याग कर कर्म को प्रधान रख । आज […]
शब्दो से बदलाव
*✍️ सीरीज़ – 1 | प्रतियोगिता – 2* *शब्दों की ताकत : कलम से आवाज़ तक* *फ़ाइनल चरण* *विषय* – *शब्दों से बदलाव* शब्द सागर हैं शब्द गघार हैं शब्दों से भाव उजागर हैं शब्द मोती है शब्द माला है ये मन को जीतने वाला है ये खेल शब्दों का जीवन में होता ही बड़ा […]
Saadho se samaz mai badlav
शब्दों से समाज में बदलाव प्रीतियोगिता २ : फाइनल चरण शब्दों में एक प्रवाह है, जो विचारों को जन्म देता है, विचार ही बदलाव का आधार हैं। जब एक स्वतंत्रता सेनानी ने नारे दिए, तो आज़ादी का उद्घोष गूंज उठा “सरफरोशी की तमन्ना” से लेकर “जय हिंद” तक, हर दिल जुड़ उठा। जब शब्द एक […]
कलम बनाम तलवार
शब्दो की ताकत कलम से आवाज़ तक विषय कलम बनाम तलवार *कलम* कलम ने लिखे संविधान और कितने वेद पुराण लिखे नज़्म ग़ज़ल और गीत गान सारे इतिहास महान लिखे लिखे नाम उन वीरों के जो थे देश की शान लिखे जीवन से मिटा के अंधकार फिर इसको रौशन दान लिखे हाथों में अगर हो […]
मेरा बाप मजदूर है
*मेरा बाप मजदूर है* ( इस कविता को इस तरह पढ़े कि मानो कोई चलचित्र आंखों के सामने हो !!) कभी खींचता रिक्शा, तो कभी ठेला, कभी जाता बाज़ार, कभी कोई मेला। जेब में पैसे नहीं, फिर भी जीता है, खून जलाकर पसीना रोज़ पीता है। कभी बना वो कुली, कभी दरबारी, पर हिम्मत देखो […]
ज़िंदगी का संघर्ष
विषय: जिंदगी का संघर्ष एक ठेला खींचता इंसान घोड़े नहीं, खुद बन जाता रथवान पसीने से लथपथ पर उसके हाथ में जिंदगी की लगाम, आँखों में बसी अब भी सुबह की शाम…… एक ओर जिसके हाथ नहीं पैरों से सम्भालता टराली की स्टीयरिंग उम्मीदों में है अब भी जान कोई कमज़ोरी नहीं यह अब तुम […]
गांव का आसमान
*गांव का आसमान* बहुत कुछ अलग है, ये सब जानते हैं, गांव को हम आज भी सभ्यता मानते हैं। बहुत आगे है शहर, तो क्या शांति नहीं, हर चीज़ वहां यूं भी आसानी से मिलती नहीं। गांव का आसमान सदा निर्मल, साफ है, बच्चों की गलतियों को यहां हर दिल माफ है। शहर में कहां […]
मां भारती
विषय: माँ भारती माँ भारती की क्या गाथा सुनाऊँ पंख फैला कर उड़ मैं जाऊँ रखूं पाँव जब धरती पर माँ भारती को नमन मैं कर जाऊँ… बड़ी मुश्किल से भारत में मिला जन्म बन जाओ तुम भाग्यशाली , जब निकले यहाँ पर दम हर किसी की आँखें हो जाती नम…. माँ कुछ ऐसी है, […]
ख्वाहिशें
*ख्वाहिशें* कभी ये रूठे , तो कभी मनाने आती है, दूर जाकर तो कमी महसूस कराती है। ये ख़्वाहिशें भी अजीब सी मलिका हैं, दिल के दरबार में कोई तानाशाहिका हैं। कभी ख्वाबों को ये सोने नहीं देती, और कभी उम्मीदों में रंग भर देती। साथ हो ये तो मौसम भी मुस्कुराता है, ना हो […]
