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🌧️ “मौसम बदला, पर मन नहीं…”

“मौसम बदला, पर मन नहीं…” सावन आया है फिर से, बूंदें टपक रही हैं छतों से, कहीं भीगती हैं आशाएं, तो कहीं टपकते हैं बस छप्पर। सड़क किनारे बैठा वो बचपन, जिसे ना छत मिली, ना बस्ता, वो आज भी उसी मिट्टी में खेल रहा है, जहाँ कल कीचड़ था, और आज उम्मीदें भीग रही […]

“आईने से एक मुलाक़ात”

“आईने से एक मुलाक़ात” आज फिर देखा मैंने — आईने में एक चेहरा झुका हुआ। होंठ खामोश, आँखें सवालों से भरी, जैसे कुछ कहना चाहता हो… पर कह नहीं पा रहा। मैंने पूछा — “कौन हो तुम?” वो बोला — “मैं वही… जिसे तूने छुपा रखा है। तेरे मुस्कुराते चेहरे के पीछे, तेरी टूटी हुई […]