Tag: #labj_ke_do_shabd #नेता #ऋषभ #poem #vyang

नेता बदलते हैं, नीयत नहीं

नेता बदलते हैं, नीयत नहीं हर पाँच साल में भीड़ जुटी, फिर वही वादों की पोटली खुली। चेहरे बदले, चाल वही थी, नीति-नीति कह, राजनीति चली। हाथ जोड़े, झूठे वादे, भाषणों में फिर उड़ते बादे। “हम लाएंगे परिवर्तन!” का नारा, पर फिर वही पुराना किनारा। कभी धर्म की बात चली, कभी जाति की चाल चली। […]