Tag: Poem

Zindagi or tum

जिंदगी और तुम-प्रेम का अन्नत रूप क्या कहु तुम क्या हो मेरे लिए ! तुम धड़कन का संचार हो मेरे जीवन का अरमान हो जो ना बुझे वो प्यास हो तुम हर पल जगती आस हो तुम प्रेम हो , तुम पूजा हो तुम मेरे लिए कोई देवता महान हो .. क्या कहु तुम क्या […]

Prakrati humse naraz hai

विषय : प्रकृति हमसे नाराज़ है । शब्दों की माला : एकल राउंड जिसे कहा माँ उसकी ये दुर्दशा – कि, अपनी खुद कहानी लिखी व्यथा की, प्रकृति की पूजन का संदेश तो “श्री कृष्ण “ ने भी बतलाया, पूजा था गोवर्धन को— मान उसने भी पाया, फिर हम मनुष्य क्या प्रभु से भी ऊपर […]

Paisa or zindagi

कविता प्रतियोगिता : शब्दों की अमृतवाणी शीर्षक : पैसा और ज़िंदगी पैसा कमाना कितना है ज़रूरी, दिव्यांग हो या बुज़ुर्ग – सबकी यही है मजबूरी। किसी ने चुनी मेहनत, तो चुनौतियाँ राह बनीं सफलता की, किसी ने चुना भाग्य, और किस्मत के आगे घुटने टेक दिए – वो भीख माँगने पर मजबूर हुए। किसी ने […]

Gauv or bachpan ki yadoin

गाँव और बचपन की यादें कितने सुहाने थे वो बचपन के दिन, गाँव की ठंडी छाँव के दिन। वो गाँव का मौसम सुहाना , वो चाँदनी रात में हवा का लहराना । शाम ढले जब बड़े थे व्यस्त, हम टोली बना रहते मस्त। रेलगाड़ी बनकर दौड़ लगाना, पिट्टू -गर्म पर शोर मचाना। पापड़ वाले की […]