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इज़हार -ए -मोहब्बत

प्रतियोगिता – दिल से दिल तक विषय – इज़हार-ए-मोहब्बत उसकी खामोशी में भी एक आवाज़ है, मेरे दिल की धड़कन का यही राज़ है, हर ख्वाब में उसका ही चेहरा नजर आता है, इज़हार-ए-मोहब्बत का यही आगाज़ है। उसकी मुस्कान में मेरी दुनिया बसती है, उसकी यादों की खुशबू से मेरी रूह सजती है, हर […]

संघर्ष और जिम्मेदारियों से लिपटी जिंदगी

प्रतियोगिता ‘ शब्दों की अमृतवाणी ‘ विषय – “संघर्ष और जिम्मेदारियों से लिपटी जिंदगी” रात की थकान संग,सुबह नई जंग होती है, हर साँस में एक अधूरी उमंग होती है, कंधों पर बोझ,सपनों का कहीं गुम हो जाना, मुस्कुराकर दर्द छिपाना ही रोज़ का तराना। हर क़दम पे ठोकर,हर मोड़ पर इम्तिहान, फ़िर भी आशाओं […]

गांव और बचपन की मासूमियत

प्रतियोगिता ‘शब्दों की अमृतवाणी’ “गाँव और बचपन की मासूमियत” गाँव की गलियों में माटी की खुशबू, साँझ ढले चौपाल पे होती थी गुफ़्तगू, पगडंडियों पर खेलते थे नंगे पाँव, दिल में सदा बसता है अपना गाँव। दोस्तों संग खेलें गिल्ली-डंडा, कभी लुकाछिपी,कभी खो-खो खेल, हंसी के ठहाकों से गूंजता था आँगन, वो दिन थे अच्छे,न […]

वो तोड़ती पत्थर

विषय – ‘ वो तोड़ती पत्थर ‘ वो तोड़ती पत्थर, मग़र खुद न टूटी, हर चोट सहती मग़र वो नहीं रूठी, छांव की आस मे धूप सी तपती, घर की रोटी खातिर जंग है रोज़ करती। हाथों मे छाले फिर भी शिकवा नहीं करती, सन्नाटो से रोज़ वो एक जंग सी लड़ती, ना पूछे कोई, […]

अब यह चिड़िया कहां रहेगी

विषय – ‘अब यह चिड़िया कहां रहेगी’ (प्रथम चरण) टूटी डाली,बिखरा सपना, अश्कों मे डूबा हर अपना, एक कोना था जहाँ बसी थी, अब वो साँसें कहाँ रहेंगी? घोंसला उसका छिन गया है, हर आश्रय से बिछड़ गया है, किससे पूछे,कहाँ बसेगी? अब ये चिड़िया कहाँ रहेगी? ये देख हर चेहरा बेखबर है, इंसानियत के […]

भीड़ मे रहकर अकेले हैं

विषय – ‘ भीड़ मे रहकर अकेले हैं ‘ हर ओर बस चेहरे पे चेहरा है, कोई दिल से नहीं सबने मुखौटा पहना है, कंधों की भीड़ मे कोई कंधा अपना नहीं, सबके बीच रहकर भी कोई अपना नहीं है। हर रिश्ते मे अब शर्ते जुड़ी है, बिना मतलब के कोई साथ नहीं है, जो […]

मोहब्बत का लॉगआउट

प्रतियोगिता ‘ तंज की ताक़त ‘ विषय – मोहब्बत का लॉगआउट प्यार,मोहब्बत,इश्क़ से अपनी थोड़ी दूरी है, इन एहसासों से जज़्बातों से बस,थोड़ी दूरी है, है,ऐसा भी नहीं कि कोई मिला नहीं… पर कम्बख़त इस दिल ने उसे अपना माना नहीं। जिसे समझा था ख़ास,वो सबके लिए आम निकला, इश्क़ का पैग़ाम नहीं,बस टाईमपास का […]

मौसम बदला, पर मन नहीं

“मौसम बदला, पर मन नहीं” मौसम ने फिर से करवट ली है, फिज़ा में नमी, हवाओं में ठंडी सी पी है। बूँदें तो बरसीं ज़मीन पर कहीं, पर भीगा मेरा मन… अब भी वहीँ। पेड़ बदल गए है अपने पत्तों को, फूलों ने ओढ़ लिया है रंगों को, हर डाली पर बहार सी छाई है, […]

भीगती दुआएं और सूखे इरादे

“भीगती दुआएं और सूखे इरादे” हर रोज़ दुआएं भीगती रहीं, आँखों से चुपचाप निकलती रहीं। लब खामोश,पर दिल पुकारता था, हर दर्द को वो खुद पर वारता था। बादल से बातें,चाँद से वादा, पर अंदर कहीं सूखा था इरादा। जो कल तलक तूफ़ानों से लड़ा था, अब ठहरा हुआ,जैसे थककर पड़ा था। भीगी सी यादें,भीगे […]

भीगते जज़्बात

“भीगते जज़्बात” दिल के पन्नों पर कुछ भीगे लफ़्ज़ रखे हैं, तेरे बिना भी हर पल तुझमें है जिए हैं, हर ख़ामोशी में तू पुकारा गया है, हर आँसू में बस तू ही उतारा गया है। चाहा था तुझे बस अल्फ़ाज़ से नहीं, तेरी हर बात में खुद को ही पाया कहीं, मगर तू गया […]