Tag: #poetry

भीड़ मे रहकर अकेले हैं

विषय – ‘ भीड़ मे रहकर अकेले हैं ‘ हर ओर बस चेहरे पे चेहरा है, कोई दिल से नहीं सबने मुखौटा पहना है, कंधों की भीड़ मे कोई कंधा अपना नहीं, सबके बीच रहकर भी कोई अपना नहीं है। हर रिश्ते मे अब शर्ते जुड़ी है, बिना मतलब के कोई साथ नहीं है, जो […]

मोहब्बत का लॉगआउट

प्रतियोगिता ‘ तंज की ताक़त ‘ विषय – मोहब्बत का लॉगआउट प्यार,मोहब्बत,इश्क़ से अपनी थोड़ी दूरी है, इन एहसासों से जज़्बातों से बस,थोड़ी दूरी है, है,ऐसा भी नहीं कि कोई मिला नहीं… पर कम्बख़त इस दिल ने उसे अपना माना नहीं। जिसे समझा था ख़ास,वो सबके लिए आम निकला, इश्क़ का पैग़ाम नहीं,बस टाईमपास का […]

मौसम बदला, पर मन नहीं

“मौसम बदला, पर मन नहीं” मौसम ने फिर से करवट ली है, फिज़ा में नमी, हवाओं में ठंडी सी पी है। बूँदें तो बरसीं ज़मीन पर कहीं, पर भीगा मेरा मन… अब भी वहीँ। पेड़ बदल गए है अपने पत्तों को, फूलों ने ओढ़ लिया है रंगों को, हर डाली पर बहार सी छाई है, […]

भीगती दुआएं और सूखे इरादे

“भीगती दुआएं और सूखे इरादे” हर रोज़ दुआएं भीगती रहीं, आँखों से चुपचाप निकलती रहीं। लब खामोश,पर दिल पुकारता था, हर दर्द को वो खुद पर वारता था। बादल से बातें,चाँद से वादा, पर अंदर कहीं सूखा था इरादा। जो कल तलक तूफ़ानों से लड़ा था, अब ठहरा हुआ,जैसे थककर पड़ा था। भीगी सी यादें,भीगे […]

भीगते जज़्बात

“भीगते जज़्बात” दिल के पन्नों पर कुछ भीगे लफ़्ज़ रखे हैं, तेरे बिना भी हर पल तुझमें है जिए हैं, हर ख़ामोशी में तू पुकारा गया है, हर आँसू में बस तू ही उतारा गया है। चाहा था तुझे बस अल्फ़ाज़ से नहीं, तेरी हर बात में खुद को ही पाया कहीं, मगर तू गया […]

क्षणिकता का चित्र/नक्श -ए -उम्र रेत पर

विषय – क्षणिकता का चित्र / नक्श -ए -उम्र रेत पर हथेली मे थमी थी कुछ रेत की लकीरें, वो भी अब वक़्त की तरह फिसलने लगी हैं, झुर्रियों मे छुपी है बीते लम्हों की तस्वीरें, जो आंखों के सामने होकर भी धुंधली सी लगती हैं। एक हाथ मे थमी है रेतघड़ी पुरानी, टिक-टिक मे […]

“कौन हुँ मैं”

शीर्षक – “कौन हूँ मैं” पांच तत्वों से मिलकर बना माटी का देह ये, इक दिन इसी मे मिल जाना है, पूछते हो “कौन हूँ मैं”….? क्या इसका सटीक उत्तर आज तक कोई दे सका है? सब मोह-माया की इस नगरी मे लीन ऐसे हो गए है, इस मानव देह को नश्वर समझ के भी […]