शब्दों से बदलाव

शब्दों से बदलाव शब्द… ये छोटे-छोटे अक्षर ही तो हैं, पर इनसे पूरी दुनिया का चेहरा बदल जाता है। एक शब्द से जंग छिड़ जाती है, और एक शब्द से अमन का रास्ता बन जाता है। एक शब्द किसी को तोड़ देता है, और वही शब्द किसी को जीने की वजह बना देता है। समाज […]

शब्दों की ताकत: – क़लम से आवाज़ तक

*क़लम बनाम तलवार* आज *सुनवाई मेरे क़लम* बनाम तलवार की होगी, कहीं पर थोड़ी, कहीं पर *ज़्यादा धार तेज* इसमें होंगी।। आप सभी को दिखाऊंगी!! सफर यह मैंने कैसे तय किया था ? *चौक से पेन्सिल* तक का सफ़र शुरू कुछ ऐसे हुआ:- सिखा जब लिखा मैंने *पहली बार* पकड़ी चौक (बरता) लेकर अपने हाथ, […]

कलम की ताक़त

प्रतियोगिता 2 ~ *शब्दो की ताक़त*~ *कलम से आवाज़ तक*~ कलम की धार बहुत तेज चलती है , सीधे दिल पर आकर रुकती है , हो जाता है इसका असर बहुत गहरा अंदर से झकझोर कर रख देती है । शब्द कम पड़ते है इसकी तारीफ में , इससे लिखे लफ़्ज़ उतरते है दिल में […]

Kalam banam talwar

प्रतियोगिता-शब्दों की ताकत – कलम से आवाज तक सीरीज एक- (प्रतियोगिता दो) शीर्षक- कलम बनाम तलवार रुचिका जैन अल्फाज़ ए सुकून ………………………… जब से मैंने कलम उठाई, जगत की नहीं सुन रहीं, मेरी स्याही, सिर उठाकर जी रहीं हूँ मैं, बेखौफ,बेबाक, लेकिन, स्वतंत्र होने के इंतजार में, छोटी से देखती थी जुर्म होते, समाज में […]

कलम बनाम तलवार

सीरीज 1 प्रतियोगिता 2 शब्दों की ताकत : कलम से आवाज़ तक प्रतियोगिता टॉपिक : “कलम बनाम तलवार” चरण : प्रथम रचयिता : सुनील मौर्या कलम बनाम तलवार ————————- 🗡️ तलवार कहती है: मैं चमक हूँ, आंधी हूँ, रणभूमि की आवाज़, मेरे संग कई राजाओं ने रचा था इतिहास। 1857 की ज्वाला में जब पूरा […]

शब्दों की ताकत: कलम से आवाज़ तक

कविता प्रतियोगिता: शब्दों की ताकत ( कलम से आवाज़ तक) शीर्षक: कलम और तलवार कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है, इसकी लेखनी की छवि जग में सबसे निराली है। करती है जो शब्दों के प्रहार तलवार से भी तेज होती है इसकी लिखावट की धार। कभी भी कम ना आंकना इसकी महानता शब्दों के माध्यम […]

कलम बनाम तलवार

शब्दो की ताकत कलम से आवाज़ तक विषय कलम बनाम तलवार *कलम* कलम ने लिखे संविधान और कितने वेद पुराण लिखे नज़्म ग़ज़ल और गीत गान सारे इतिहास महान लिखे लिखे नाम उन वीरों के जो थे देश की शान लिखे जीवन से मिटा के अंधकार फिर इसको रौशन दान लिखे हाथों में अगर हो […]

Sabdo ki takat

शब्दों की ताक़त :कलम से आवाज़ तक प्रतियोगिता चरण १ कलम बनाम तलवार मैं हूँ एक कलम ! कर देती गुलजार किसी, के शब्दो से उसके सपनो को। मैं हूँ एक तलवार ! कर देती ढेर मार दुश्मनों को मै कलम हूँ ,दिशा दिखाती अपने लेखन से , मै तलवार ,ना पहचान अपना पराया करती […]

कलम बनाम तलवार

कलम बनाम तलवार कि तुम बना दोगे गर मुझे अपना दुश्मन टूट कर बिखर जायेंगे तुम्हारे तमाम ख्वाब विजयी पताका लहराने के खातिर हरदम खेल डाली मैने खून की होली हजारों साल। अतीत के पन्नों को आओ पलटें फिर इक दफा पृथ्वीराज का शौर्य किसी शेर की भांति गरजा था हाथों में तलवार लिए वीर […]

कलम बनाम तलवार

कलम बनाम तलवार तलवार कहती है – मैं लहू से इतिहास लिखती हूँ, मेरे वार से साम्राज्य झुकते हैं, सत्ता मेरे साये में पलती है, मेरी धार से डरकर ही राजनैतिक सच मुखर होते हैं। कलम मुस्कुराकर कहती है – तेरे वार से सिर झुक सकते हैं, दिल नहीं… मैं जख़्म नहीं देती, बल्कि मरहम […]